हिमखबर डेस्क
बार-बार तबादलों से परेशान होकर हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा (एचएएस) अधिकारी ने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति की घोषणा कर दी है। अधिकारी ने इसके लिए प्रदेश के मुख्य सचिव के पास आवेदन भी कर दिया है। प्रदेश सरकार के ढाई साल के अंदर संबंधित अधिकारी का चार बार तबादला होने की सूचना है।
यहां बात एसडीएम धर्मशाला के पद पर रहे एचएएस अधिकारी संजीव कुमार भोट की हो रही है। भोट ने कहा कि मुझे विमल नेगी नहीं बनना। परिवार की खातिर नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया है। वह मूलत: लाहौल-स्पीति के गांव रंगरिक निवासी हैं।
- एचएएस अधिकारी संजीव कुमार भोट ने 1998 में नायब तहसीलदार के पद पर नौकरी ज्वाइन की थी।
- 29 मई 2023 को प्रदेश सरकार ने उन्हें एसी-टू-डीसी रिकांगपिओ (किन्नौर) के पद पर नियुक्ति दी थी। यहां पर करीब छह माह सेवाएं दीं।
- इसके बाद प्रदेश सरकार ने उन्हें डोडरा क्वार में एसडीएम के पद पर ट्रांसफर किया। जहां पर करीब एक माह तक सेवाएं दीं लेकिन मार्च 2024 में विधानसभा के उपचुनाव से पहले एसडीएम धर्मशाला के पद पर ट्रांसफर किया।
- एसडीएम धर्मशाला के पद पर एक साल तक सेवाएं देने के बाद प्रदेश सरकार ने गत दिवस उन्हें एसडीएम भरमौर के पद पर तबादला किया है, लेकिन उन्होंने ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया है।
संजीव कुमार भोट के बोल
संजीव कुमार भोट एडीएम भरमौर के पद पर ज्वाइन नहीं कर रहे हैं। भोट ने कहा कि अगर मेरा कोई कसूर है तो बताया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अच्छा काम कर रही है, उससे कोई शिकायत नहीं लेकिन प्रदेश सरकार में कुछ अफसरों की वजह से प्रताड़ित होना पड़ रहा है।
संजीव कुमार भोट ने बताया कि वर्तमान सरकार के ढाई साल के कार्यकाल में मेरा चार बार ट्रांसफर हुआ है। संजीव कुमार ने कहा कि उन्होंने प्रदेश सरकार के पास ऐच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन कर दिया है। बता दे कि
उनकी पत्नी जेबीटी शिक्षक हैं और परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है।