शिमला – रजनीश ठाकुर
डिजिटल टेकनॉलजी ने हर काम को बेहद आसान बना दिया। अब लोग अपने पार्टनर की तलाश करने के लिए डिजिटल मध्यम यानी डेटिंग एप्पस का इस्तेमाल कर रहे हैं।
आपको ऐसे बहुत से कपल मिल जाएंगे जिन्होंने अपने पार्टनर को डेटिंग एप्पस के माध्यम से ढूंढा है, लेकिन डेटिंग एप्पस का अनुभव सबके लिए सही हो ऐसा संभव नहीं है।
बहुत से लोगों डेटिंग एप्पस पर साइबर ठगी का शिकार भी हो रहे हैं। साइबर पुलिस ने युवाओं का सतर्क रहने की हिदायत दी है। आज इंटरनेट पर 100 से अधिक डेटिंग ऐप्स हैं, जहां पर लडक़े-लड़कियों को अपने पार्टनर की तलाश रहती है।
कुछ लडक़े-लड़कियां तो वास्तव में पार्टनर की तलाश में ही इन प्लेटफार्म का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन बहुत से ऐसे होते हैं, जो प्यार के नाम पर ओपसाइट जेंडर को अपने जाल में फसाने का काम कर रहे हंै।
डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला के बोल
डेटिंग ऐप्स पर पार्टनर बनाने को लेकर साईबर सेल शिमला की ओर एडवाईजरी जारी की गई है। डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला का कहना है कि ऐसे बहुत से कपल्स हैं, जिन्होंने अपने साथी को डेटिंग ऐप्स से ढूंढा है, लेकिन डेटिंग एप्स का अनुभव सबके लिए सही नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि बहुत से लोग इन एप्स से साइबर क्राइम के शिकार भी हो रहे हैं। ऐसे में सतर्क रहना जरूरी है। डीआईजी ने युवाओं से डेटिंग ऐप्स पर अकाउंट खोलने से पहले विभिन्न बातों का ध्यान रखने की सलाह दी है।
साईबर सेल द्वारा जारी की गई एड़वाइजरी में बताया गया है कि अगर आप डेटिंग एप्प का इस्तेमाल करते हंै, तो बिना किसी जानकारी के हर व्यक्ति से मित्रता करने से बचें। डेटिंग ऐप्स पर अगर आपकी मित्रता किसी अनजान व्यक्ति से हो जाती है, तो जल्दबाजी में आकर उसके साथ अपनी निजी जानकारी सांझा न करें।
इसके अलावा डेटिंग एप्पस पर मित्रता होने के बाद अगर आपसे कोई मदद के नाम पर पैसे की मांग करता है तो सतर्क हो जाएं। डेटिंग ऐप्स पर अगर कोई अनजान व्यक्ति मित्रता होने के बाद दुखभरी कहानी सुनाकर आपसे किसी प्रकार की डिमांड करता है, तो ऐसे लोगों से बचें।