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प्रसिद्ध समाज सुधारक और शिक्षाविद महात्मा हंसराज की 160 में जयंती के अवसर पर शुक्रवार को श्रद्धापूर्वक याद किया गया।

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नगरोटा सुरियाँ – निशा ठाकुर

डीएवी स्कूल नगरोटा सूरिया में महात्मा हंसराज जयंती धूमधाम से बनाई गई। कार्यक्रम में कई प्रकार की प्रतियोगिताएं बच्चों को करवाई गई। जिसमें हवन, मंत्र उच्चारण, भाषण, पेंटिंग, रैली आदि का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि महात्मा हंसराज एक प्रसिद्ध आर्य समाज की नेता, समाज सुधारक और शिक्षाविद थे। उनके महत्वपूर्ण योगदान और प्रयासों से देश भर में डीएवी के नाम से 975 से भी अधिक विद्यालय और महाविद्यालय गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।

स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों से बहुत अधिक प्रभावित महात्मा हंसराज जातिवाद के प्रबल विरोधी थे। हंसराज का बचपन अभावों में व्यतीत हुआ था लेकिन वह बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के थे।

1885 में जब वे लाहौर में अपने बड़े भाई मुल्क राज के यहां रहकर शिक्षा प्राप्त कर रहे थे, इस दौरान स्वामी दयानंद सरस्वती के प्रवचन का बहुत प्रभाव पड़ा उन्होंने समाज सेवा को जीवन का लक्ष्य बना लिया। 1886 में डीएवी का पहला स्कूल लाहौर में खोला गया था।

कार्यक्रम के अंत में स्कूल के प्रधानाचार्य शेखर मोदगिल ने उपस्थित बच्चों को अध्यापकों को महात्मा हंसराज के जीवन से शिक्षा लेने के लिए प्रेरित किया व उनके योगदान को याद किया।

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