कांगड़ा, राजीव जसबाल
प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल कालेज डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज, टांडा के आपातकालीन विभाग के पीछे झाडिय़ों में दो नवजात शिशुओं के शव मिलने से शनिवार को अफरा-तफरी मच गई। जैसे ही मीडिया ने कालेज प्रशासन से इस बारे में जानकारी लेनी चाही कि शिशुओं के शव उक्त स्थल पर कहां से आए, तो मेडिकल कालेज प्रशासन से तुरंत कोई जवाब देते न बना। हालांकि दोनों शव को बरामद करके पुलिस जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सों का मानना है कि देखने में ऐसा लग रहा है कि शव 25 से 30 सप्ताह के नवजातों के हैं। टीएमसी के आपातकालीन विभाग के पीछे झाडिय़ों में पड़े शव अपने आप में कई सवाल खड़े कर रहे हैं कि आखिर ये दोनों शव कहां से आए। क्या ये शव मेडिकल कालेज टांडा के कर्मियों की लापरवाही के चलते यहां फेंके गए हैं अथवा अभिभावकों द्वारा बच्चों की मौत हो जाने के बाद इन्हें यहां पर फेंका गया है, ये सारे सवाल ज्यों के त्यों हैं।
इन नवजात के शवों के मिलने के पश्चात मेडिकल कॉलेज टांडा के सुरक्षा कर्मियों की कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान लग रहा है कि जब शव यहां पर फेंके गए थे, तो ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी कहां थे। इस संदर्भ में मेडिकल कालेज टांडा के चिकित्सा अधीक्षक डा. सुरेंद्र ने कहा कि वह मामले की गहनता से जांच करवाएंगे कि आखिर ये शव इस स्थान पर कहां से आए। मामले की जांच पुलिस को भी दी जाएगी, ताकि पता लगाया जा सके कि उक्त नवजात शिशुओं के परिजन कौन हैं।