काँगड़ा – राजीव जस्वाल
डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा में मरीजों को इलाज से पहले पर्ची बनवाने के लिए खूब जद्दोजहद करनी पड़ रही है। इसके लिए उन्हें घंटों कतारों में खड़ा होना पड़ रहा है। गर्मी के येलो अलर्ट के बीच में लोगों ने सुबह से लाइनों में लग कर पर्ची बनवाने के लिए अपनी बारी का इंतजार किया।
वहीं, लंबे इंतजार के बाद मरीजों को ओपीडी में इलाज करवाने का मौका मिल रहा है। इससे दूरदराज क्षेत्रों से आए मरीजों को सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है। टांडा अस्पताल में रोजाना 3,000 से अधिक ओपीडी दर्ज की जा रही है। अपनी जांच करवाने वाले मरीज लंबी लाइनें लगाकर सुबह ही अपनी बारी का इंतजार करना शुरू कर देते हैं।
लंबी जद्दोजहद के बाद मरीजों को अस्पताल में पर्ची बनवाने का मौका मिल रहा है। ऐसे में दूरदराज क्षेत्रों से यहां आने वाले मरीजों का पूरा दिन ही अस्पताल में ही खत्म हो जाता है। साथ ही लोगों को दवाइयों के काउंटर में भी लंबी लाइनें और भीड़ देखने को मिलती है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या बोले लोग
टांडा अस्पताल में सोमवार को पहुंचे अमन, राहुल, चंपा देवी और बीना देवी सहित अन्य मरीजों ने बताया कि वे सुबह नौ बजे से अपनी जांच करवाने कि लिए टांडा पहुंचे थे, लंबी लाइनों के कारण उन्हें काफी समय तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा, जिससे गंभीर गर्मी में उन्हें परेशानी हुई।
यहां पर्ची काउंटर और दवाइयां काउंटर में लगी लंबी लाइनों में उन्हें काफी इंतजार करना पड़ा है। उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन को मरीजों की संख्या में इजाफा होते देख पर्ची काउंटर की संख्या में भी इजाफा करना चाहिए।
स्टाफ की कमी से पड़ रहा असर – डॉ. अशोक वर्मा, एमएस, टांडा अस्पताल
टांडा अस्पताल में रोजाना 3,000 से अधिक मरीज दर्ज किए जा रहे हैं। ऐसे में लंबी लाइनों का लगना स्वभाविक है। अस्पताल में सिर्फ 14 डाटा एंट्री कर्मचारी हैं जो पूरे अस्पताल के डाटा एंट्री का कार्यभार संभाल रहे है, जिससे भी लोगों को पर्ची काउंटर की सुविधा देरी से मिल रही है। सरकार को कर्मचारियों की कमी के बारे में सूचित किया गया है, जैसे ही सरकार द्वारा स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा वैसे ही इस समस्या में सुधार आएगा।