“ट्रेनी पॉलिसी नहीं चलेगी – युवाओं को चाहिए स्थाई नौकरी, “सरकार ने तोड़ा एक लाख नौकरियों का वादा, ट्रेनी पॉलिसी थोप दी”– नैंसी अटल
शिमला – नितिश पठानियां
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की प्रदेश मंत्री नैंसी अटल ने बयान जारी करते हुए कहां कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही नई भर्ती नीति का कड़ा विरोध करती है। प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने से पहले युवाओं से एक लाख सरकारी नौकरियों का वादा किया था, लेकिन अब स्थाई नियुक्तियों की जगह ‘जॉब ट्रेनिंग’ योजना लाकर युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
नई नीति के तहत युवाओं को पहले दो वर्षों तक केवल ट्रेनिंग पर रखा जाएगा, जहां उन्हें नियमित कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलेगा। इस दौरान उन्हें न तो सीएसएस, सीसीएस, लीव और पेंशन नियमों का लाभ मिलेगा और न ही वे सरकारी कर्मचारी माने जाएंगे। दो साल बाद भी उन्हें नियमित होने के लिए फिर से परीक्षा पास करनी होगी। यह नीति न केवल युवाओं के साथ अन्याय है बल्कि उनके आत्मसम्मान पर भी चोट करती है।
विद्यार्थी परिषद का कहना है कि प्रदेश के हजारों युवा वर्षों से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, स्थाई सरकारी नौकरी की उम्मीद में उन्होंने कठिन परिश्रम किया है। लेकिन सरकार अब उन्हें केवल अस्थाई ‘जॉब ट्रेनी’ का दर्जा देकर उनके सपनों को कुचल रही है।
अभाविप का स्पष्ट मत है कि सरकार को रोज़गार के नाम पर छलावा बंद करना होगा। यह नीति न तो युवाओं के हित में है और न ही प्रदेश के विकास के लिए लाभकारी। इससे युवा वर्ग में निराशा और आक्रोश फैलेगा।
विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार को चेतावनी देती है कि वह तुरंत इस निर्णय को वापस ले और अपने चुनावी वादों के अनुसार स्थाई नियुक्तियां करे। अगर सरकार ने इस जनविरोधी नीति को लागू करने की कोशिश की, तो अभाविप प्रदेशव्यापी आंदोलन के लिए बाध्य होगी।
प्रदेश सरकार को युवाओं की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए और उन्हें रोजगार की सुरक्षा एवं सम्मानजनक भविष्य सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।