शिमला-जसपाल ठाकुर
प्रदेश जेबीटी और डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार से जेबीटी बनाम बीएड केस को जल्दी कोर्ट में सुलझाने का आग्रह किया है। संघ का कहना है कि इस केस के कारण 2018 से स्वीकृत पदों की भर्ती फंसी हुई है। 2019 में जेबीटी कमीशन हुआ था, जिसमें एनसीटीई गाइडलाइन के अनुसार बीएड अभ्यर्थियों को भी सरकार ने अस्थायी तौर पर परीक्षा में बैठने की अनुमति दे दी थी।
हिमाचल में पहले ही 40 हजार से भी ज्यादा जेबीटी बेरोजगार प्रशिक्षित हैं , जो दस सालों से नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। अब इनके अधिकारों का हनन हो रहा है। अब कोर्ट में यह केस 28 अक्तूबर को लगा है। इससे पहले भी सरकार की ओर से समय पर जवाब न देने के कारण ये केस लेट हो चुका है। शिक्षा विभाग को इस केस पर गंभीरता दिखानी चाहिए।
प्रदेश जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर, ओंकार ठाकुर, दीपक ठाकुर, विक्की चौधरी, तांवरी भाटिया, कर्ण पराशर और यूनियन के सचिव मोहित ठाकुर ने कहा है कि इस समय प्रदेश में 3000 जेबीटी के पद खाली चल रहे हैं, इसलिए सरकार को चाहिए कि इस केस को हल करवाएं ताकि भर्तियां समय पर हो सकें।