शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल तेज हो चुकी है। भाजपा व कांग्रेस टिकटों के आबंटन से लेकर चुनाव प्रचार की रणनीति तैयार करने में जुट चुकी है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर राज्य के हरेक कोने का तूफानी दौरा कर रहे हैं। इसी बीच नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि प्रदेश में चुनाव को लेकर शैडयूल की घोषणा कब होगी। शैडयूल जारी होते ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाती है।
दरअसल, 2007 के बाद का ट्रेंड देखा जाए तो अक्तूबर के दूसरे या तीसरे सप्ताह में चुनाव आचार संहिता लागू होती है।
2007 में 20 अक्तूबर को चुनाव आचार संहिता लागू हुई थी। 2012 में 10 अक्तूबर व 2017 में 12 अक्तूबर को चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव का बिगुल बजा दिया था। यदि इस ट्रेंड को ही आधार बनाया जाए तो इस बार भी अक्तूबर के दूसरे सप्ताह तक आचार संहिता लागू हो सकती है।
हालांकि, कुछ पक्षों का ये भी तर्क है कि अक्तूबर के पहले सप्ताह में बिगुल बज सकता है, लेकिन मामूली तौर पर ये संभावना इस कारण खारिज होती है, क्योंकि राज्य सरकार भी यही चाहेगी कि अधिक से अधिक समय मिले। बिलासपुर में प्रधानमंत्री का कार्यक्रम भी तय हो चुका है।
सरकार को भी इस बात की बखूबी भनक है कि आचार संहिता लागू होने के बाद परिस्थितियां बदल जाती हैं। लिहाजा, आचार संहिता लागू होने से पहले ही वीवीआईपी दौरे के जरिए मतदाताओं की नब्ज को टटोल लिया जाए।
उल्लेखनीय है कि करीब दो महीने से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी घोषणाओं के मामले में कोई कंजूसी नहीं बरत रहे। एक पुख्ता संभावना ये भी है कि प्रदेश में 20 दिसंबर तक चुनाव की पूरी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। 2017 में मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 27 दिसंबर को शपथ ग्रहण की थी। जबकि 2012 में दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने 25 दिसंबर को शपथ ली थी।
2007 के विधानसभा चुनाव में राज्य में दो चरणों में मतदान हुआ था। ट्राइबल क्षेत्र के हलकों मे 14 नवंबर को मतदान हुआ था, जबकि दूसरे चरण का मतदान 29 दिसंबर को हुआ था। कुल मिलाकर 15 सालों से अक्तूबर के दूसरे सप्ताह में आचार संहिता लागू होने का ट्रेंड है। चौथे चुनाव में भी ऐसा ही होने की उम्मीद जाहिर की जा रही है।