चम्बा – धर्म नेगी
जिला चंबा और जम्मू-कश्मीर की सीमा से लगते लंगेरा गांव के लोग आज भी मोबाइल पर बात करने के लिए दो किलोमीटर दूर जाते हैं। खुंडी मराल में जहां मोबाइल नेटवर्क टावर लगाया गया है वहां लोगों की आबादी ही नहीं है।
इसके चलते लंगेरा गांव में रहने वाले 500 लोगों को इस टावर का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। मोबाइल पर अगर उन्हें कोई बात करनी हो तो नेटवर्क ढूंढने के लिए दो किलोमीटर की चढ़ाई चढ़कर पहाड़ पर जाना पड़ता है जहां मोबाइल पर नेटवर्क उपलब्ध होता है।
इसके बाद ही वे अपने रिश्तेदारों या दोस्तों से मोबाइल पर बात कर सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से भी इस गांव में नेटवर्क का होना काफी जरूरी है। अगर जम्मू-कश्मीर से कोई संदिग्ध जिले में प्रवेश करता है तो उसकी सूचना देने के लिए ग्रामीणों को पहले दो किलोमीटर की पैदल चढ़ाई चढ़नी पड़ेगी।
पुलिस विभाग ने सीमा पर सुरक्षा के लिहाज से खुंडी मराल में चेक पोस्ट खोल रखी है जहां पर पुलिस कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहते हैं लेकिन इस चेक पोस्ट से गांव की दूरी काफी अधिक है। ऐसे में यहां मोबाइल फोन का चलना काफी आवश्यक है जिससे ग्रामीण किसी भी सूचना को आसानी से पुलिस तक पहुंचा सके।
ग्रामीणों टेक चंद, संजय कुमार, सुरेेश कुमार, अमर चंद, रवि कुमार, मान सिंह और सुनील कुमार ने प्रशासन से मांग की है कि लंगेरा गांव को मोबाइल नेटवर्क से जल्द जोड़ा जाए। साथ ही इस बार उसी राजनीतिक पार्टी को ग्रामीण वोट डालेंगे जो गांव में मोबाइल नेटवर्क टावर लगाने की हामी भरेगी।
उपमंडल अधिकारी सलूणी डॉ. स्वाति गुप्ता ने बताया कि खुंडी मराल में लगे टावर को लंगेरा में शिफ्ट करवाने के लिए उपायुक्त को प्रस्ताव भेजा गया है। जल्द ही इस दिशा में जिला प्रशासन उचित कदम उठा सकता है।