जज्बे को सलाम : साइकिल पर केरल से कश्मीर 4300 KM का सफर निधिन ने 66 दिन में तय किया

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कुल्लू, आदित्य

जहां चाह वहां राह। इस कहावत को सच साबित करता केरल का रहने वाला निधिन केरल से कश्मीर तक का सफर साइकिल पर करने निकला है। अपने सपने को पूरा करने की चाहत लिए 23 वर्ष के निधिन ने एक जनवरी को केरल के त्रिसूर से अपनी यात्रा शुरू की थी, इस समय उसके पास सिर्फ 170 रुपए और कुछ जरूरी सामान था।

करीब 66 दिन साइकिल पर सफर करने के बाद निधिन हिमाचल के मनाली पहुंचा है। मनाली-लेह मार्ग बर्फबारी के चलते बंद होने के कारण निधिन मनाली में ही कुछ दिन ठहरने के बाद अपनी यात्रा को पूरी करने के लिए लेह होता हुआ कश्मीर पहुंचेगा। भारत की संस्कृति और नए स्थानों को देखने की चाह लिए केरल का रहने वाला 23 साल का निधिन केरल से कश्मीर के लिए साइकिल से रोमांचक सफर पर निकला है।

निधिन ने केरल के त्रिसूर में अपने घर से कश्मीर तक का सफर 100 दिनों में पूरा का लक्ष्य रखा है। निधिन इतने बड़े मिशन पर निकला तो था लेकिन बिना पैसों के निधिन रास्ते में चाय बेचकर अपना खर्च संभाल रहा है। गौरतलब है कि सफर को पूरा करने के लिए उसने मोटरसाइकिल का जुगाड़ किया लेकिन पैट्रोल का खर्चा उसके लिए मुश्किल था।

लॉकडाऊन में उसकी नौकरी जा चुकी थी, ऐसे में उसने अपने भाई की टूटी साइकिल की मुरम्मत करवाने का फैसला लिया। उसके भाई ने यह साइकिल 12वीं के बाद इस्तेमाल करनी बंद कर दी थी। इसे ही उसने अपने सफर का साथी बनाया। इस शानदार सफर के लिए उसे अपना डीएसएलआर कैमरा भी बेचना पड़ा।

कैमरा बेच कर आए रुपयों से उसने साइकिल की मुरम्मत करवाई और स्लीपिंग बैग, गैस स्टोव व कपड़े इत्यादि जरूरी सामान खरीदा था। साइकिल में ही निधिन ने गैस स्टोव फिट करवा कर रखा है। फिलहाल 66 दिन में करीब 4300 किलोमीटर का सफर साइकिल पर तय करने के बाद निधिन मनाली पहुंचा है।

मनाली पहुंचे निधिन ने बताया कि वे केरला के एक रैस्टोरेंट में चाय और जूस बनाने का काम करता था। कोरोना महामारी के चलते उसकी जॉब चली गई और उन्हें घर पर ही 10 महीने तक रहना पड़ा। मन में भारत के समूचे इलाके देखने की चाहत हुई, जिसके चलते अब वह सिंगल गेयर वाली साइकिल में यात्रा पर निकला है। निधिन ने बताया कि उनके पास पैसे नहीं थे, उन्होंने अपना कैमरा बेचा और साइकिल को रिपेयर करवाया, साथ ही यात्रा के लिए जरूरी सामान भी खरीदा।

निधिन के मुताबिक वह अभी तक 4300 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुका है। वे प्रतिदिन 100 किलोमीटर तक का सफर तय करता है। शाम को कहीं रुक कर सफर के खर्चे के लिए चाय बेचकर रुपए इकट्ठा करता है। होटल महंगे होने के चलते रात को कहीं पैट्रोल पंप के बाहर टैंट लगाकर रहता है। लोग उसकी यात्रा को लेकर हैरान होते हैं। जगह-जगह मिलने वाले लोग उसे काफी स्पोर्ट भी करते हैं।

निधिन का कहना है कि वह फिल्म मेकर और एक्टर बनना चाहता है। फिल्म मेकर बनने के लिए भारत की संस्कृति और जगह के बारे में पता होना चाहिए। इसलिए इस यात्रा के बारे में सोचा। मैं इस धारणा को भी बदलना चाहता हूं कि हिमालय या फिर इतनी लम्बी यात्रा में केवल महंगी बाइक या बुलेट के माध्यम से ही जाया जा सकता है। मैं इस यात्रा से लोगों को संदेश भी देना चाहता हूं कि जब मेरे जैसा दुबला-पतला लड़का साधारण साइकिल पर इतनी लंबी यात्रा कर सकता है तो बाकी क्यों नहीं।

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