व्यूरो,रिपोर्ट
हिमाचल में निजी स्कूल इन दिनों कठिन दौर से गुजर रहे हैं। प्राइवेट स्कूलों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। पालमपुर में ऑल हिमाचल प्राइवेट स्कूल ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेश रॉकी व नादौन में प्रदेश निजी संचालक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगजीत ठाकुर, प्रदेश महामंत्री महेश राणा तथा प्रदेश मीडिया प्रभारी एसके ठाकुर ने अपनी समस्याएं रखी हैं।
पालमपुर में ऑल हिमाचल प्राइवेट स्कूल ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेश रॉकी ने बैठक प्रियदर्शनी स्कूल पट्टी के हॉल में की। जिसमें प्रदेशभर के विभिन्न जिलों के प्राइवेट स्कूलों के लगभग तीन दर्जन से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
राजेश रॉकी ने आरोप लगाया कि नए अभिभावक मंच के माध्यम से प्राइवेट स्कूलों को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है तथा प्राइवेट स्कूल मालिकों के विरुद्ध आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी इस मंच द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि छोटे निजी स्कूलों द्वारा ऑनलाइन के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है।
लेकिन लाखों रुपए की फीस इन स्कूलों को नहीं मिल रही है जिसके चलते अध्यापकों को वेतन देने के लिए भी भारी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी ओर नादौन में प्रदेश निजी स्कूल संचालक संघ ने सरकार द्वारा स्कूलों के लिए बनाए जा रहे नियामक प्राधिकरण के ड्राफ्ट का कड़ा विरोध जताया है।
ड्राफ्ट के संबंध में दो दिन के भीतर मांगें गए सुझावों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए संघ ने मांग की है कि सुझाव देने के लिए कम से कम दो माह का समय दिया जाए। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जगजीत ठाकुर, प्रदेश महामंत्री महेश राणा तथा प्रदेश मीडिया प्रभारी एसके ठाकुर का कहना है कि मात्र दो दिन में सुझाव मांगने का निर्णय तर्कसंगत नहीं है। संघ का कहना है कि संघ द्वारा अन्य संस्थाओं से भी इस संबंध में विचार-विमर्श किया जाएगा, तभी उचित सुझाव दिए जा सकते हैं।
संघ के नेताओं ने आरोप लगाया है कि सरकार निजी स्कूलों के शोषण पर उतर आई है और निजी स्कूलों के मौलिक अधिकारों के हनन का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों का सरकार या विभाग के साथ कोई आर्थिक अनुबंध नहीं है।