हिमाचल प्रदेश के चंबा ज़िले के छोटे से गांव मकडोगा (पंचायत ठाकरी मट्टी, तहसील सलूणी) से संबंध रखने वाले अमित ठाकुर ने अपने अदम्य साहस और मेहनत के बल पर वह मुकाम हासिल किया है, जो कई लोगों के लिए सिर्फ एक सपना बनकर रह जाता है।
85 प्रतिशत दिव्यांगता और व्हीलचेयर पर जीवन व्यतीत करने के बावजूद उन्होंने न केवल अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई, बल्कि भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम (इंडिया-बी) में स्थान प्राप्त कर हिमाचल प्रदेश का गौरव भी बढ़ाया है।
हिमाचल प्रदेश व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के संचालक राजन कुमार ने बताया कि अमित ठाकुर का चयन आगामी राष्ट्रीय त्रिकोणीय व्हीलचेयर क्रिकेट श्रृंखला के लिए हुआ है, जो 7 से 9 अगस्त 2025 तक चेन्नई के अम्मा क्रिकेट ग्राउंड, मेलमरुवथुर में आयोजित की जाएगी। इस प्रतिष्ठित श्रृंखला में इंडिया-A, इंडिया-B और इंडिया-C की टीमें एक-दूसरे से मुकाबला करेंगी। इसमें देशभर से चुने गए शीर्ष व्हीलचेयर क्रिकेट खिलाड़ी भाग लेंगे।
राजन कुमार ने बताया कि अमित वर्तमान में शिक्षा खंड चुवाड़ी के तहत एक प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। वर्ष 2018 से व्हीलचेयर क्रिकेट से जुड़े अमित एक अनुभवी खिलाड़ी हैं और वर्तमान में हिमाचल प्रदेश व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान भी हैं। वे अब तक दो राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिमाचल की अगुवाई कर चुके हैं।
क्रिकेट के प्रति अमित का प्रेम बचपन से ही रहा है, लेकिन शारीरिक अक्षमता के कारण उन्हें मैदान से दूर रहना पड़ा। जब उन्होंने पहली बार व्हीलचेयर क्रिकेट के बारे में सुना, तो यह उनके अधूरे सपनों को नई दिशा देने वाला क्षण था।
राजन कुमार ने कहा कि व्हीलचेयर क्रिकेट उन खिलाड़ियों के लिए आशा की एक किरण है, जो शारीरिक चुनौतियों के बावजूद अपने सपनों को जीवित रखते हैं। इस खेल के नियम पारंपरिक क्रिकेट जैसे ही होते हैं, बस खिलाड़ी व्हीलचेयर पर बैठकर बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग और रनिंग करते हैं। आज भारत के लगभग सभी राज्यों में व्हीलचेयर क्रिकेट टीमें सक्रिय हैं, और यह खेल दिव्यांग खिलाड़ियों को आत्मविश्वास व सम्मान की नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहा है।
हिमाचल प्रदेश व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के संचालक राजन कुमार और मुख्य कोच गुरमीत धीमान ने अमित के चयन को प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताया तथा उन्हें आगामी प्रतियोगिता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दीं।