धर्मशाला,राजीव जस्वाल
उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार सुबह ग्लेशियर टूटने से हुई भारी तबाही में हिमाचल प्रदेश के पालमपुर उपमंडल का युवक भी लापता है। सोमवार को भी उसका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। ऋषिगंगा पर बने करीब 13 मेगावाट के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में बौहल गांव का 33 वर्षीय राकेश कपूर बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर कार्यरत हैै। राकेश पालमपुर उपमंडल के तहत बंदला के साथ लगती पंचायत नछीर के बौहल गांव का रहने वाला है। उनके पिता का देहांत हो चुका है व उसके पांच भाई हैं। परिवार में पत्नी व दो साल का बच्चा है। युवक के रिश्तेदार सेवानिवृत्त अधिशाषी अभियंता रत्न चंद कपूर ने बताया कि हादसे के बाद से राकेश के बारे में कोई सूचना नहीं है। परिवार राकेश की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। बंदला व नछीर में रहने वाले सगे-संबंधी उसकी कुशलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
राकेश का बचपन गरीबी में बीता लेकिन मेहनत के दम पर उन्होंने सफलता हासिल की। राकेश कपूर ने 2007 में हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से जमा दो की परीक्षा उत्तीर्ण की। उसके बाद 2011 में चंडीगढ़ स्थित एनआइएमटी से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा हासिल किया। डिप्लोमा हासिल करने के बाद उन्होंने नौकरी की शुरुआत बतौर ट्रेनी इंजीनियर के रूप में साई ऊर्जा प्रोजेक्ट में की। उन्होंने यहां नवंबर 2011 से मार्च 2013 तक कार्य किया।
सितंबर 2013 में उन्होंने साई इंजीनियंिरग फाउंडेशन में बतौर साइट मैनेजर के रूप में कार्य करना शुरू किया। अप्रैल 2015 में उन्होंने नौकरी छोड़ स्नो ड्यू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पॉवर प्रोजेक्ट में बतौर सीनियर साइट मैनेजर ज्वायन किया। अप्रैल 2019 में राकेश ने उत्तराखंड के ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में ज्वायनिंग दी। वर्तमान में वह यहां प्रोजेक्ट मैनेजर के रूप में कार्यरत हैं। राकेश को पॉवर हाउस, बैराज और डी टैंक बनाने में दक्षता हासिल है।