रजनीश ठाकुर – बद्दी
सोलन ज़िला के दून विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत बवासनी के गांव सुनानी में पुनर्वास के लिए आज आदर्श रेज़िलिएंट गांव कार्यक्रम के तहत वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डी.एस.आई.आर.) की सचिव एवं वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी ने दून विधानसभा क्षेत्र के विधायक राम कुमार चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति में भूमि पूजन सम्पन्न किया।
दून के विधायक राम कुमार चौधरी ने इस अवसर पर कहा कि प्रदेश सरकार संतुलित विकास के लिए प्रतिबद्ध है और वर्ष 2023 में आई भीषण आपदा के समय प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से प्रभावितों को समय पर राहत पहुंचाने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संसाधनों से आपदा प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज की न केवल घोषणा की अपितु यह सुनिश्चित बनाया कि प्रभावितों को राहत एवं घोषित धनराशि समय पर मिले।
विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रभावितों की समस्या के दृष्टिगत दी जाने वाली मुआवजा राशि को 1 लाख 30 हजार रुपए से बढ़ाकर 07 लाख रुपए किया। इसका उद्देश्य प्रभावितों को वास्तविक सहायता प्रदान करना था। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावितों के लिए अन्य सहायता की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत बवासनी के गांव सुनानी के प्रभावितों के लिए भी 07 लाख रुपए प्रति परिवार देने की घोषणा की गई थी और यह राशि प्रभावितों तक पहुंच रही है।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत बवासनी के आस-पास का क्षेत्र वन क्षेत्राधिकार के तहत है। वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि प्रभावितों के मकान निर्माण के लिए शीघ्र ही अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाएं ताकि निर्माण कार्य समय पर पूरा हो और प्रभावितों को रहने के लिए अपना आवास मिल सके।
वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग (डी.एस.आई.आर.) की सचिव एवं वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सी.एस.आई.आर.) की महानिदेशक डॉ. एन. कलैसेल्वी ने कहा कि आपदा प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए डी.एस.आई.आर एवं सी.एस.आई.आर. सतत् कार्यरत हैं।
उन्होंने कहा कि आदर्श सुदृढ़ गांव परियोजना का उद्देश्य आपदा प्रभावितों के लिए चिन्हित ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी अधोसंरचना का विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में आवश्यक सुधार और दीर्घकालिक विकास को प्रोत्साहन देना है। यह परियोजना ग्रामीण समुदायों की जरूरतों को प्राथमिकता देकर उनके जीवन गुणवत्ता में सुधार लाने का प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि मॉडल रेज़िलिएंट विलेज परियोजना आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना गैर सरकारी संस्था बाल रक्षा भारत और सी.एस.आई.आर., नई दिल्ली द्वारा कार्यान्वित की जा रही है तथा वित्तीय सहायता ‘जी मीडिया एंटरटेनमेंट’ द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है।
बाल रक्षा भारत देश के 19 राज्यों में बच्चों के कल्याण के लिए कार्य करने वाला अग्रणी गैर-सरकारी संगठन है।
केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, रूड़की के निदेशक प्रो. आर. प्रदीप कुमार ने इस परियोजना में सी.बी.आर.आई. के योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत शील और सुनानी गांव में सड़क, पेयजल आपूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य केंद्र, और सामुदायिक भवन जैसे बुनियादी संरचनाओं का निर्माण एवं विकास किया जाएगा।
बाल रक्षा भारत संस्था के कार्यक्रम प्रबंधन के उप निदेशक अविनाश सिंह ने सभी का स्वागत किया।
ये रहे उपस्थित
इस अवसर पर सीएसआईआर-सीबीआरआई रुड़की द्वारा इस परियोजना से सम्बन्धित प्रदर्शनी भी लगाई गई।
ग्राम पंचायत बबासनी के पूर्व प्रधान जसविंदर सिंह, उपायुक्त एवं ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक बद्दी विनोद कुमार धीमान, उपमण्डलाधिकारी बद्दी विवेक महाजन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सोलन डॉ. अमित रंजन तलवार, खण्ड विकास अधिकारी नालागढ़ नियोन शर्मा, तहसीलदार बद्दी सतिंदर जीत, महिला मण्डल बवासनी की प्रधान रमा ठाकुर, निदेशक सी.एस.आई.आर.-सी.एस.आई.सी. चण्डीगढ़ के निदेशक प्रो. शांतनु भट्टाचार्य, सी.एस.आई.आर.-आई.एम. (टेकनिकल) चण्डीगढ़ के निदेशक डॉ. संजू खोसला, गिव ग्राटस की शालिनी कोटिया तथा स्थानीय निवासी इस अवसर पर उपस्थित थे।