गाड़ी सिखाने के साथ लाइसेंस भी बनाकर देंगे ड्राइविंग स्कूल, संचालकों पर लागू होंगे नए नियम

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प्रशिक्षण संस्थान संचालकों पर लागू होंगे नए नियम; परिवहन विभाग ने शुरू की कवायद, प्रदेश में खुलेंगे नए सेंटर, ड्राइविंग सीखने वाले युवाओं को मिलेगा लाभ, प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को लिखा पत्र।

शिमला – नितिश पठानियां 

हिमाचल प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर संचालकों पर नए नियम लागू होंगे। केंद्र सरकार ने नए वित्त वर्ष में इनके लिए कुछ नियम तय किए हंै, जिनसे युवाओं को लाभ मिलेगा। जो लोग इन सेंटरों से ड्राइविंग सीखेंगे उनके लाइसेंस बनाने तक का दायित्व इनका होगा और संचालकों को इसके लिए विशेष शक्तियां दी जाएंगी।

इसके लिए इन संचालकों को अप्लाई करना होगा और नए नियमों को अपनाना होगा। परिवहन विभाग जल्दी ही इनके लिए पूरी गाइडलाइन जारी करने जा रहा है। इससे ड्राइविंग सीखने वालों को एमवीआई के पास नहीं जाना पड़ेगा।

जिन ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों में युवा गाड़ी सीखेंगे, वही उनका लाइसेंस भी बनाकर देंगे। इसके लिए उनको अधिकृत किया जाएगा, जो टेस्ट लेने के बाद आरटीओ को दस्तावेज भेजेंगे।ऑनलाइन ही वहां से हस्ताक्षरित लाइसेंस गाड़ी सीखने वालों को मिल जाएगा।

इस व्यवस्था को हिमाचल प्रदेश में जल्दी लागू कर दिया जाएगा, जिसकी तैयारी चल रही है। भविष्य में प्रदेश में ऐसे कई ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे, जिनके पास केंद्रीय मंत्रालय की रजिस्ट्रेशन होगी और प्रदेश सरकार भी इनको मंजूरी प्रदान करेगी।

इनके लिए लोगों से आवेदन मांगे जाएंगे और विभागीय वेबसाइट पर इसकी पूरी जानकारी दी जाएगी। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जो सेंटर होंगे, उनको केंद्रीय मंत्रालय से सबसिडी भी हासिल होगी।

यह सबसिडी अधिकतम सात करोड़ रुपए तक की हो सकती है। इसमें चार वर्ग रहेंगे, जिसमें सबसे नीचे चौथे वर्ग में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल आएंंगे। यह एक बड़ा प्रोजेक्ट प्रदेश में चलने वाला है, जिसको यहां पर लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिखा है।

नहीं काटने पड़ेंगे एमवीआई के चक्कर

ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के युवाओं को आरटीओ कार्यालय या फिर एमवीआई के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने इसको लेकर नियमों में बड़ा बदलाव किया है। राज्य सरकार इसी साल से इन नियमों को लागू करने जा रही है।

परिवहन निदेशालय ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। निजी क्षेत्र के सहयोग से ये केंद्र खोले जाएंगे। विभाग ने इस योजना का प्रचार प्रसार करना शुरू कर दिया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा सेंटर हिमाचल में खुल सकें।

अढ़ाई करोड़ से सात करोड़ तक अनुदान

परिवहन निदेशक डीसी नेगी ने बताया कि केंद्र सरकार ने यह नियम बनाया है। डीटीसी यानी ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने के लिए केंद्र सरकार अढ़ाई करोड़ से सात करोड़ तक का अनुदान भी देगी।

हिमाचल में निजी क्षेत्र में जो ड्राइविंग स्कूल चल रहे हैं, वे भी इन केंद्रों में परिवर्तित हो सकते हैं। जल्दी ही इसे अंजाम दिया जाएगा। इन सेंटरों के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं, जिसके अनुसार ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के पास कम से कम एक एकड़ जमीन होनी चाहिए।

यदि वे चार पहिया वाहनों के लिए प्रशिक्षण देते हैं, तो उन्हें दो एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। ड्राइविंग स्कूलों को उचित परीक्षण सुविधा होनी चाहिए।

प्रशिक्षकों के पास हाई स्कूल डिप्लोमा कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव के साथ बायोमेट्रिक्स और आईटी सिस्टम का ज्ञान होना चाहिए। ड्राइविंग प्रशिक्षण व टेस्ट की वेरिफिकेशन के लिए नियम इतने सख्त हैं कि कोई इसमें फ्रॉड नहीं कर सकेगा।

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