गांव में सड़क नहीं, मरीज को पालकी पर उठाकर 13 किलोमीटर पैदल ले जाना पड़ा

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गिफ्ट डीड ना देने पर रुका सड़क निर्माण

चुवाड़ी – अंशुमन शर्मा

विधानसभा क्षेत्र भटियात की ग्राम पंचायत जंदरोग के गांव चक्की की हालत आज भी आज़ादी के 75 साल बाद बेहद दयनीय बनी हुई है। गांव में न तो सड़क है, न ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र।

हालात ऐसे हैं कि लोगों को बीमार व्यक्तियों को पालकी मे उठाकर पहाड़ों के खतरनाक और फिसलन भरे रास्तों से कई किलोमीटर तक पैदल ले जाना पड़ता है।

हाल ही की घटना में एक मरीज की तबीयत बिगड़ने पर गांववासियों ने उसे पालकी पर बाँधकर चार–छह लोगों की मदद से जंगल और पहाड़ी रास्तों से नीचे अस्पताल तक पहुँचाया। बारिश के मौसम में यह रास्ता और भी जानलेवा हो जाता है। गांव की जनसंख्या लगभग 700–800 है।

जिसमें प्रभावित गाँव श्रृंखला जिसमें ठेहड़ा,चिहुण, कुट. बातलीबेई, आहन, गोठ, रंथभोंरा, आरुफेरा, चक्की आदि गांव हैँ लेकिन आज तक इन गावों को पक्की सड़क, स्वास्थ्य केंद्र या आपातकालीन सेवा की सुविधा नहीं मिल सकी है।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार पंचायत, ब्लॉक और जिला प्रशासन को शिकायत दी है, लेकिन केवल आश्वासन ही मिला है। इस बार की घटना ने फिर एक बार सरकार की ‘स्वास्थ्य सबके लिए’ और ‘हर गांव तक सड़क’ जैसी योजनाओं की पोल खोल दी है।

ग्रामीणों की मांग:

  • जल्द से जल्द पक्की सड़क का निर्माण
  • प्राथमिक उपचार केंद्र की स्थापना हो।

आज सड़क नहीं, तो प्राथमिक उपचार नहीं — कल शायद गाँव भी नहीं रहेगा!” सड़क नहीं है, तो विकास किसका?
हमारा गाँव चक्की (ग्राम पंचायत जंदरोग) आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है। वर्षों से केवल वादे हुए, पर जमीनी स्तर पर कोई कार्य नहीं हुआ।

यह माँग सिर्फ एक सड़क की नहीं है — यह एक गाँव को बचाने की माँग है। यह माँग है उस पीढ़ी के लिए जो यहीं पैदा हुई, पली-बढ़ी, और अब गाँव छोड़ने को मजबूर हो रही है।

आज सड़क नहीं है, कल गाँव नहीं बचेगा — क्योंकि लोग मजबूरी में शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं। परिवार बिखर गए, खेत-खलिहान वीरान हो चुके हैं। क्या यही विकास है?
बरसात के दिनों में स्थिति और भी विकट हो जाती है:

  • बच्चे स्कूल नहीं जा पाते।
  • बीमार समय पर अस्पताल नहीं पहुँच पाते
  • गर्भवती महिलाओं को कंधों पर उठाकर अस्पताल ले जाना पड़ता है
  • वृद्धों और असहाय लोगों को भारी कष्ट उठाना पड़ता है।
  • पूरा गाँव दुनिया से कट जाता है सम्पर्क।

आज भी हम कच्चे रास्तों और जोखिम भरे पगडंडियों से अस्पताल, स्कूल और बाज़ार तक पहुँचने को मजबूर हैं।
हमारा सरकार और प्रशासन से निवेदन है कि इस गंभीर स्थिति का तत्काल संज्ञान लें और गाँव को पक्की सड़क से जोड़ा जाए।

ताकि हमारे गाँव का भविष्य उज्जवल हो सके और ग्रामीणों को सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर मिले। ग्रामीणों ने मीडिया और प्रशासन से अपील की है कि उनकी आवाज को सुना जाए और ज़मीनी स्तर पर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में किसी की जान रास्ते में न जाए।

ग्राम पंचायत जंदरोग की प्रधान श्रेषठा देवी के बोल

ग्राम पंचायत जंदरोग की प्रधान श्रेषठा देवी ने बताया कि विधानसभाध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिंया के अथक प्रयासों से इस सड़क बनाने की सारी पक्रिया पूरी हो सकी है।परंतु कुछ लोगों के द्वारा भूमि ना देने की वजह से इस सड़क का काम रुका हुआ है।

अधिशाषी अभियंता नरेंद्र चौधरी के बोल

लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी अभियंता नरेंद्र चौधरी ने बताया कि चक्की ददरियाड़ा मार्ग की डीपीआर तैयार है। 21 करोड का बजट मंजूर है।वन विभाग की फॉरेस्ट क्लियरेंस मिल गई है। विभागीय औपचारिकता पूरी है।परंतु ददरियाडा से यह रास्ता बनना शुरू होगा वहां पर स्थानिय लोगों की निजी भूमी है।जब वह लोग लोक निर्माण विभाग को गिफ्ट डीड नहीं देगें तब तक इस सड़क का निर्माण करना संभव नहीं है।

विधानसभाध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिंया के बोल

विधानसभाध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिंया ने बताया कि भटियात विधानसभा क्षेत्र का चक्की गांव सबसे दूरस्थ गांव है जिसे सड़क सुविधा से जोडना मेरा लक्ष्य है। परंतु जहां से चक्की गांव के लिए सड़क का निर्माण कार्य शुरू होना है।उस स्थान पर स्थानिय लोगों की भूमि है। जिसे वह लोक निर्माण विभाग को गिफ्ट डीड नहीं दे रहे हैं।

भारत सरकार का नियम है कि जब तक कोई भी व्यक्ती जब तक विभाग को गिफ्ट डीड नहीं देता तब तक उक्त स्थान पर सडक बनाना संभव नहीं है।उन्होंन स्थानिय लोगों से अनुरोध किया है कि चक्की ददरियाड़ा सड़क निर्माण के लिए अपनी भूमि दान कर सड़क निर्माण में सहयोग करें।

नहीं तो फगोट के रास्ते से चक्की के लिए इस सड़क का निर्माण किया जाएग। जिस कारण कुछ गांव इस सुविधा से बंचित होना पड सकता है। चक्की ददरियाड़ा मार्ग की डीपीआर तैयार है।वन विभाग की फॉरेस्ट क्लियरेंस मिल चुकी है। अगर लोग इस सड़क निर्माण में सहयोग नहीं करेगें तो मजबूरन इस बजट को कहीं और शिफ्ट किया कर दिया जाएगा।

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