हर माह की दस तारीख़ तक वेतन देने के लिए किया समझौता
मंडी – अजय सूर्या
बल्ह क्षेत्र के नागचला से पंडोह तक निर्माणाधीन फोरलेन सड़क में एमसी कम्पनी मजदूरों को हर माह के बजाये तीसरे महीने वेतन देने के ख़िलाफ़ आज मज़दूरों ने सुबह 8 बजे से कंपनी के कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया। जिसका नेतृत्व यूनियन के प्रधान राकेश कुमार ने किया औऱ सीटू के ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह महासचिव राजेश शर्मा, गोपेन्द्र शर्मा और सुरेश सरवाल भी उपस्थित रहे।
मजदूरों ने भड्डयाल साईट पर आम सभा आयोजित की और उसके बाद कंपनी प्रबंधन ने दस बजे वार्ता के लिए बुलाया और उसमें लिखित समझौता हुआ जिसमें नवंबर माह का वेतन 29 दिसंबर तक देने का निर्णय हुआ। दिसंबर माह का वेतन 10 जनवरी तक तथा हर माह इसी समय सारिणी के अनुसार वेतन दिया जाएगा।
सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने बताया कि केएमसी कंपनी ने मनमर्ज़ी का शेड्यूल बनाया था। जो मज़दूरों को तीसरे महीने वेतन जारी करती थी। जिसके चलते मज़दूरों ने 5 दिसंबर को सीटू से सबंधित यूनियन बनाने का निर्णय लिया था।
जिसमें रोहित कुमार को प्रधान, राकेश कुमार को उपप्रधान राजेश कुमार को सचिव डोला राम को सहसचिव तिलक राज को कोषाध्यक्ष कमलकिशोर को कैशियर राजेंद्र राणा, महिपाल, कुणाल कुमार को कार्यकारिणी सदस्य तथा चिंतामणी को मीडिया सचिव चुना गया था।
ये सभी सदस्य पहले भारतीय मज़दूर संघ की यूनियन से जुड़े थे। जहां से इन्होंने त्यागपत्र दे कर सीटू के साथ जुड़ने का निर्णय लिया है। यूनियन ने 19 दिसंबर तक सभी मज़दूरों को वेतन देने का समय दिया था लेक़िन कंपनी ने जब वेतन नहीं दिया तो आज मज़दूरों ने काम बंद करके कंपनी कार्यालय का घेराव कर दिया।
यूनियन ने अन्य मांगों बारे कम्पनी को माँगपत्र तैयार सौंपा है और कंपनी प्रबंधन तथा श्रम विभाग और ज़िला प्रशासन से माँगपत्र पर वार्ता करने की मांग की है। सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने बताया कि कंपनी ने अन्य मांगों पर जनवरी के प्रथम सप्ताह में बैठक करने की सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि कंपनी श्रम कानूनों का उलंघन है लेक़िन श्रम विभाग भी चुप बैठा हुआ है और कम्पनी के ख़िलाफ़ अभी तक कोई कार्यवाई नहीं कि है। कंपनी ने मज़दूरों को सेफ़्टी किट व बस्त्र,जूते इत्यादि भी उपलब्ध नहीं करवाये हैं। मज़दूरों को निर्धारित न्यून्तम वेतन भी नहीं दिया जा रहा है और ई पी एफ भी नियमानुसार जमा नहीं हो रहा है।
कार्यस्थल पर फ़र्स्ट ऐड व एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा मजदूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से भी पंजीकृत नहीं किया गया है। जिसके कारण यहां दो दिन पहले एक मज़दूर की करंट लगने से हुई मौत का मुआवजा भी मज़दूर के परिवार को नहीं मिल पायेगा। इसके अलावा मज़दूरों की और भी कई समस्याएं हैं जिन्हें हल करने की भी मांग की है।