भारी मात्रा में पत्थरों और पेड़ों के साथ आए मलबे ने डराए लोग।
किन्नौर – एसपी क्यूलो माथास
मंगलवार करीब चार बजे किन्नौर जिला के ठीकरू सहित लिंगने की पहाडिय़ों में बादल फटने से आई बाढ़ ने लोगों को डरा दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार आसमान में छाए काले बादलों के बीच जैसी ही बिजली कडक़ी पहाडिय़ों से भारी मात्रा में पानी फ्लड के रूप में पत्थरों सहित कई पेड़ों को अपने साथ लेकर सतलुज नदी की ओर बहना शुरू हो गया।
इस घटना में कई पेड़ों सहित भूमि कटाव भी हुआ है। इस दौरान ठीकरू संपर्क सडक़ मार्ग का भी एक बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में आ गया।
इस संपर्क सडक़ मार्ग के अवरुद्ध होने से क्षेत्र के लोगों की आवाजाही बंद हो गई है। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों की सिंचाई कूहलों सहित जल शक्ति विभाग के स्रोतों की भी क्षति हुई है।
हालांकि इस घटना से फिलहाल किसी जानी नुकसान की खबर नहीं है। माना जा रहा है कि यदि यह घटना एक नाले में घटी होती, तो नुकसान बढ़ सकता था।
एक घंटे तक चले इस तांडव को देख लोग सहमे रहे। जैसे ही बाढ़ शांत होने लगी, तो क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली। इस दौरान घटना को देखने के लिए लोग भारी संख्या में पहाडिय़ों पर पहुंच गए थे।
बता दें कि जिला किन्नौर के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बीते कई दिनों से बारिश नहीं हो रही है, लेकिन बीच-बीच में कई पहाडिय़ों पर काले बादल छाने के साथ बादल फटने की घटनाए हो रही हैं।
बीते कुछ दिनों के अंदर ही किन्नौर जिला में रोपा, हांगो, चारंग, खाब, सांगला, रक्छम, रूपी आदि कई पंचायत क्षेत्रों की पहाडिय़ों में बादल फटने की घटनाएं सामने आई हैं।
किन्नौर प्रशासन ने भी ऐसी घटनाओं के मद्देनजर लोगों को अनावश्यक ऊंचाई वाले क्षेत्रों सहित नदी नालों से दूरियां बनाए रखने की अपील की है।
एसडीएम कल्पा डा. मेजर शशांक गुप्ता के बोल
एसडीएम कल्पा डा. मेजर शशांक गुप्ता ने बताया कि बादल फटने की इस घटना में संपर्क सडक़ मार्ग को क्षति हुई है। इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। संबंधित क्षेत्र के तहसीलदार सहित पटवारी-कानूनगो को नुकसान के आकलन के आदेश दिए गए हैं।