दरकाटी/ज्वाली, शिवू ठाकुर
सराज्यासभा सांसद इंदु गोस्वामी ने सरदार शोभा सिंह ओडीटोरियम टांडा में दिव्यांग बेटी काव्या वर्षा के काव्य संग्रह ‘नीलगगन को छूने दो ‘ का लोकार्पण किया| उन्होंने अपनी शुभकामनाओं में कवित्री के पर्यासों को सराहते हुए कहा की काव्या वर्षा ने समाज को दिशा देने का अद्भुत प्रयास किया है|
जहां लोग छोटी सी तकलीफ पर हार मान लेते हैं, वहीं इतनी समस्याओं के बाबजूद भी बड़े हौसले से जीवनयापन कर रही हैं| डा. विजय कुमार पूरी जिनका इस काव्य संग्रह के प्रकाशिन में पूरा योगदान रहा है| उन्होंने बताया की भावनाओं से भरा ह्रदय सम्बेदन शून्या नहीं हो सकता|
एक ऊँगली से करती हैं मोबाइल पर लिखने का काम: काव्या वर्षा का पूरा शरीर नहीं चलता| वह बाएं हाथ की पहली ऊँगली से लिखने का काम करती हैं| वह आज तक स्कूल भी नहीं गई| मोबाइल पर ही पढ़ना-लिखना सिखा| ऐसी भावनाओं को आवाज़ देता काव्य संग्रह: काव्या वर्षा का रचना संसार हर प्रकार की भावनाओं को आवाज़ देता है, किन्तु जो रोष-आक्रोश तड़प सामाजिक विसंगतियों या विद्रपताओं के लिए है, वह सब उनका भोगा हुआ यथार्थ प्रतिबिंबित होता है|
लिंग भेद, नारी असमानता, दिव्यांगता पर लोगों का कटु व्यवहार उन्हें भीतर तक हिला गया है, तभी तो उनकी अधिकांश रचनाओं में समाज से, समाज के ढेकेदारों से भांति-भांति के प्रशन हैं| काव्या वर्षा की कविताओं में भाषा का सहज एवं सरल रूप है, पर उसकी मारक क्षमता बड़ी है क्यूंकि वह सीधे ह्रदय पर चोट करती है| कई प्रकार के नए मुहावरे, सूक्तियां और प्रतिकों का सार्थक प्रयोग अपनी रचनाओं में किया है !