सोलन – रजनीश ठाकुर
कालका-शिमला राष्ट्रीय उच्च मार्ग पर सपरून में लगा डंगा सोमवार को ढह गया है। इस डंगे के ढहने से पहाड़ी पर बने मकान में दरारें आ गई है। प्रशासन द्वारा इस भवन को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है जिसके बाद इसमें रह रहे दो परिवारों ने मकान को खाली कर दिया है।
जानकारी के अनुसार दौरान वर्ष 2016 में सपरून चौक पर करीब 200 मीटर उंची पहाड़ी को काटकर फोरलेन का निर्माण किया गया था। अवैज्ञानिक तरीके से की गई कटिंग की वजह से यह पूरा पहाड़ दरकना शुरू हो गया था।
इसके बाद करोड़ों रूपए खर्च करके राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण बोर्ड द्वारा ग्रिल कंपनी के माध्यम से यहां आरसीसी का डंगा लगाया गया, ताकि पहाड़ का खिसकने से बचाया जा सके। 6 वर्ष में आरसीसी का यह डंगा जवाब दे गया।
बीते दिनों हुई भारी बारिश की वजह से सपरून में पहाड़ पर दरारें आनी शुरू हो गई थी। अब यह पूरा पहाड़ नीचे आने की तैयारी में है। सोमवार को आरसीसी का डंगा खिसक कर रोड़ पर आ गया जिसके कारण सोलन सुबाथू मार्ग बंद हो चुका है।
हालांकि पुलिस प्रशासन ने यातायात को गुरूद्वारा मार्ग से होकर डायवर्ट कर दिया है। अब लगातार यहां पर पहाड़ी से मलबा गिर रहा है तथा पहाड़ी पर लगा आरसीसी का डंगा भी खिसक कर फोर लेन पर आ रहा है। यहां पर वाहनों की आवाजाही काफी अधिक रहती है जिसकी वजह से सपरून में हादसे का खतरा काफी अधिक बढ़ गया है।
सपरून में रहने वाले रोशन लाल पाल का कहना है कि वह अपने भाई सोहन लाल के साथ अपने मकान में रहते थे। दो मंजिला भवन में 20 कमरे बने हैं। बीते दिनों हुई बारिश की वजह से एनएचएआई का डंगा गिरना शुरू हो गया जिसकी वजह से उनके घर में दरारें आ चुकी हैं।
करीब एक करोड़ रूपए से बना उनका घर गिरने की कगार पर हैं। रोशन लाल का कहना है कि उन्हें नुकसान का उचित मुआवजा एनएचएआई द्वारा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपनी जिंदगी भर की कमाई इस मकान में लगा दी है तथा अब वह बेघर हो गए हैं।