शाहगंज/जौनपुर, अनिल विश्वकर्मा :
खुटहन थाने के सामने स्थित लगभग छह बिस्वा बेशकीमती सरकारी जमीन पर राजस्व व पुलिस प्रशासन की मिलीभगत से कब्जे का मामला सामने आया है। इसके बदले तहसील के एक राजस्व निरीक्षक के कथित तौर पर कब्जा करने वालों से रिश्वत लेने का वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल हो रहा है। उप जिलाधिकारी का कहना है कि मामला संज्ञान में आया है। जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।
करोड़ों रुपये मूल्य की उक्त जमीन पर कब्जा दिलाने के एवज में कानूनगो ने घूस के रूप मोटी रकम ली है। इस जमीन पर पूर्व में भी कई बार कब्जा कर अवैध निर्माण का प्रयास किया जा चुका था, लेकिन हर बार पुलिस उस जमीन को थाने के नाम होने की बात कहकर निर्माण रोक देती रही। गत आठ फरवरी से एक बार फिर निर्माण कार्य चालू कर दिया गया है। पुलिस ने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि यह थाने की नहीं, बल्कि ग्राम पंचायत पिलकिछा की जमीन है। तब भी सवाल उठता है कि यदि जमीन ग्राम समाज की है तो उस पर किस आधार पर निर्माण कराया जा रहा है। यदि अवैध कब्जा हो रहा है तो इसे रोकने की जिम्मेदारी किसकी है।
इस पर पुलिस का कहना है कि कोई तहरीर दे, तभी वह हस्तक्षेप कर सकती है। निर्माणकर्ता की सरहंगई के आगे निवर्तमान ग्राम प्रधान या कोई नागरिक बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। दबी जुबान लोग कह रहे हैं कि सरकारी जमीन पर कब्जा पुलिस, राजस्व विभाग व भू-माफिया की सांठगांठ से हो रहा है। इस बारे में पूछने पर उप जिलाधिकारी राजेश कुमार वर्मा ने कहा कि तहसील में तैनात कानूनगो राज नारायण दुबे के घूस लेने का वीडियो वायरल हुआ वीडियो संज्ञान में आया है। जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।