हिमखबर डेस्क
पौंग डैम से लगातार 14वें दिन भी पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है। बीबीएमबी और स्थानीय प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं।
आज मंगलवार सुबह 8 बजे जारी आंकड़ों के अनुसार डैम का जलस्तर 1383.02 फीट दर्ज किया गया है। डैम में पानी की आवक 74 हज़ार क्यूसिक से अधिक रही और करीब 59 835 क्यूसिक पानी छोड़ा जा रहा है।
बीबीएमबी ने प्रशासन को अवगत करवा दिया है कि डैम में पानी की बढ़ती क्षमता को देखते हुए बुधवार को 75 हजार क्यूसिक पानी छोड़ा जाएगा, जिससे अब निचले क्षेत्रों की जनता के हाथ-पैर फूलने शुरू हो गए हैं।
वहीं प्रशासन ने आपदा से निपटने की तैयारियां पूरी कर ली हैं। बचाव दलों को तैयार रहने की हिदायत दे दी गई है।
टरबाइन और स्पिलवे डिस्चार्जं
बीबीएमबी प्रशासन के मुताबिक पौंग डैम की सभी 6 टरबाइनें चालू हैं, जिनसे करीब 17,456 क्यूसिक पानी छोड़ा गया, वहीं स्पिलवे गेट्स से 42,379 क्यूसिक पानी छोड़ा किया गया। कुल मिलाकर सुबह 8 बजे तक डैम से 59,835 क्यूसिक पानी छोड़ा गया।
निचले क्षेत्रों में बढ़ जाएगा खतरा
बीबीएमबी ने जानकारी दी है कि बुधवार सुबह से डैम से छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा बढ़ाकर 75 हज़ार क्यूसिक कर दी जाएगी। ऐसे में निचले इलाकों में खतरा और बढ़ सकता है।
एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती ने मंगलवार सुबह 11 बजे सभी विभागों की संयुक्त बैठक बुलाई है। इस बैठक में बाढ़ राहत और बचाव कार्यों को लेकर एक्शन प्लान तैयार किया जाएगा।
प्रशासन का अलर्ट
एसडीएम फतेहपुर विश्रुत भारती ने कहा कि निचले क्षेत्रों की जनता को प्रशासन ने अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। पौंग डैम से पानी छोड़े जाने का सबसे ज्यादा असर फतेहपुर उपमंडल के ब्यास नदी किनारे बसे गांवों पर पडऩे की संभावना है।
इनमें मंड क्षेत्र, रियाली पंचायत, मंड बहादपुर, मंड भोग्रवां, थाथ सहित कई निचले क्षेत्र शामिल हैं। प्रशासन ने इन इलाकों को संभावित खतरे वाले क्षेत्र घोषित करते हुए संबंधित विभागों को सतर्क कर दिया है।
लोगों से अपील की गई है कि वे नदी किनारे न जाएं। राहत और बचाव दलों को पूरी तरह तैयार रखा गया है और हालात पर लगातार नजऱ रखी जा रही है। प्रशासन का कहना है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी की गई है।