हिमखबर डेस्क
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ते जा रहे हैं। भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में जुटा है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को 7 मई को मॉक ड्रिल करने को कहा है।
देश भर के 244 चिह्नित जिलों में 7 मई को बड़े पैमाने पर सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल के आयोजन का निर्देश दिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को युद्ध जैसी आपात स्थिति, विशेष रूप से हवाई हमले या अन्य हमलों से निपटने के लिए तैयार करना है।
यह ड्रिल नागरिकों को सुरक्षा उपायों, निकासी प्रक्रियाओं और आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए प्रशिक्षित करने पर केंद्रित होगी। इस मॉक ड्रिल का प्राथमिक लक्ष्य नागरिकों को हवाई हमले या अन्य हमलों की स्थिति में शांत रहने, सुरक्षित आश्रय लेने और प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करने के लिए तैयार करना है।
यह अभ्यास विशेष रूप से भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों जैसे- जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात के सामरिक रूप से संवेदनशील जिलों में महत्वपूर्ण होगा। यह मॉक ड्रिल गांव स्तर तक आयोजित की जाएगी, जिसमें अग्निशमन सेवाएं, होम गार्ड और सिविल डिफेंस संगठन सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
क्या है मॉक ड्रिल का मकसद?
गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक, मॉक ड्रिल के समय हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का संचालन किया जाएगा। इसके अलावा छात्रों सहित नागरिकों को आवश्यक नागरिक सुरक्षा तकनीकों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। बता दें कि इस मॉक ड्रिल का मकसद हवाई हमलों या अन्य आपातकालीन परिस्थितियों में खुद को बचाने के लिए जागरूक करना है।
क्या करें, और क्या ना करें ?
- अलर्ट और सतर्कता
- टीवी, रेडियो और सरकारी अलर्ट्स पर ध्यान दें
- एयर रेड सायरन की आवाज़ पहचानें
- मॉक ड्रिल के दौरान सायरन की आवाज सुनकर शांत रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें
- अफवाहों पर विश्वास न करें, केवल
- आधिकारिक सूचना पर ध्यान दें
2. अंधेरा और सुरक्षा
- मॉक ड्रिल के दौरान ‘क्रैश ब्लैकआउट’ का अभ्यास होगा, जिसमें सभी लाइटें बंद कर दी जाएंगी
- खिड़कियों पर मोटे पर्दे, काले कागज़ या ब्लाइंड लगाएँ
- शीशे से दूर रहें, ज़मीन पर लेट जाएँ
3. अभ्यास और तैयारी
- नागरिकों और छात्रों को सिविल डिफेंस प्रशिक्षण दिया जाएगा
- बच्चों को सुरक्षित स्थान और प्रक्रिया सिखाएँ
- पड़ोसियों के साथ आपसी सहयोग सुनिश्चित करें
4. जरूरी वस्तुएँ तैयार रखें
- पीने का पानी
- सूखा भोजन (बिस्किट, ड्राई फ्रूट्स आदि)
- प्राथमिक चिकित्सा किट
- टॉर्च और एक्स्ट्रा सेल
- पोर्टेबल रेडियो
- जरूरी दस्तावेज़ (ID, मेडिकल रिपोर्ट, बैंक डिटेल्स)
- मोबाइल चार्जर / पावर बैंक
5. सुरक्षित स्थान (शरणस्थल)
- सायरन बजने पर तुरंत खुले इलाकों से हट जाएं
- किसी सुरक्षित इमारत, घर, या बंकर में शरण लें
- बुजुर्गों और विशेष जरूरतों वाले लोगों की सहायता करें