दो दिलों के छेद भरे; एक कार्डियक वॉल्व का किया आपरेशन, तीनों मरीज स्वस्थ
काँगड़ा – राजीव जस्वाल
डा. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय टांडा अस्पताल में ओपन हार्ट सर्जरी का अध्याय जुडऩे से प्रदेश के 30 लाख से अधिक मरीजों को राहत मिलेगी। मंगलवार को भी दो अन्य ओपन हार्ट सर्जरी की गई, जिसमें एक मरीज का कार्डियक वाल्व रिप्लेसमेंट किया गया तथा दूसरे मरीज के दिल के छेद को ठीक किया गया ।
बता दें कि टांडा अस्पताल में सोमवार को भरमौर की युवती की ओपन हार्ट सर्जरी के साथ ही टांडा मेडिकल अस्पताल का नाम प्रदेश में ऐसे दूसरे अस्पताल की श्रेणी में दर्ज हो गया, जहां ओपन हार्ट सर्जरी की सुविधा मौजूद रहेगी।
जानकारी देते हुए डाॅ. रजनीश पठानिया ने बताया कि यह निचले हिमाचल के लोगों के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है कि टांडा में ओपन हार्ट सर्जरी के रोगियों का इलाज एवं ऑप्रेशन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इन रोगियों को दूसरे राज्यों में या फिर शिमला आईजीएमसी में जाकर ऐसे ऑप्रेशन करवाते समय कई कठिनाइयां आती हैं। उनका कहना है कि यहां ऑप्रेशन होने के चलते स्थानीय रोगियों को खून अरेंज करना आसान है।
मंगलवार को भी 2 सफल ऑप्रेशन किए गए हैं जिनमें एक रोगी अर्चना (32) धर्मशाला निवासी है जिसके दिल में छेद होने के कारण वह अस्वस्थ थी। वहीं दूसरा ऑप्रेशन संध्या देवी (50) चम्बा निवासी का हुआ है। उसे भी इसी प्रकार दिल में छेद था तथा दोनों ही रोगी स्वस्थ हैं।
पठानिया ने बताया कि बुधवार को दिल के छेद की मरीज संदला देवी का ऑप्रेशन किया जाएगा। इनके वाल्व भी खराब हैं। टांडा मेडिकल काॅलेज के प्रधानाचार्य डाॅ. भानु अवस्थी का कहना है कि ऐसे ऑप्रेशन यहां होने से निचले हिमाचल के लोगों को सुविधा मिल रही है।
ये है सराहना योग्य
इन ओपन हार्ट सर्जरी को टांडा मेडिकल कालेज, आईजीएमसी शिमला व चमियाणा के डाक्टरों ने सफल बनाया। जिसमें टांडा मेडिकल कालेज व अस्पताल के सुपरस्पेशियलटी के सीटीवीएस विभाग के डा. देशबंधु शर्मा, विशेषज्ञ डा. विकास पंवर, विशेषज्ञ डा. पुनीत शर्मा, शिमला चमियाणा अस्पताल के प्रधानाचार्य व विशेषज्ञ डा. रजनीश पठानिया सहित शिमला की एनेस्थीसिया की टीम से डा. यशवंत, डा. शैली, डा. गायत्री, डा. मनविरण, परफ्यूनिस्ट डा. विजय पठानिया, डा. महेश, शिमला की सर्जरी विभाग से डा. रजनीश पठानिया, डा. सुधीर, डा. सीमा सहित अन्य स्टाफ के सहयोगियों की भी सराहना करनी होगी। जिन्होंने लगातार तीन सफल ओपन हार्ट की सर्जरी को अंजाम दिया और मरीजों को वर्षों पुरानी बीमारी से छुटकारा दिलाया।