हिमखबर डेस्क
प्रदेश की पंचायतों में मनरेगा के तहत तैनात करीब एक हजार ग्राम रोजगार सेवक सैलरी के इंतजार में है। करीब 3 महीने से इन ग्राम रोजगार सेवकों को वेतन नहीं मिला है।
पंचायतों में ग्राम रोजगार सेवकों को मनरेगा के तहत रखा गया है। ऐसे में इनका वेतन मनरेगा की ग्रांट से प्रदान किया जाता है। पिछले करीब 3 महीनों से केंद्र सरकार से हिमाचल को मनरेगा की ग्रांट नहीं मिली है।
ऐसे में इन लोगों को सैलरी भी नहीं मिल पाई है। जिला परिषद कर्मचारियों के अलावा ग्राम रोजगार सेवक भी ग्रामीण विकास विभाग में मर्जर की मांग कर रहे है।