उन्होंने सरकार से मांग उठाई है कि ग्रामीण विकास विभाग में खाली पड़े पदों पर मर्जर किया जाए। जिससे सैलरी की दिक्कत दूर हो जाएगी, वहीं अन्य वित्तीय लाभों के लिए भी यह पात्र हो जाएंगे।

साथ ही ग्रामीण विकास विभाग पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा। इन्हें अभी तक न तो कोई मेडिकल लाभ मिलते हैं न ही ओपीएस का प्रावधान इनके लिए है। साथ करूणामूलक नौकरी के लिए इनके आश्रित भी पात्र नहीं है।