कैबिनेट के फैसले के बाद पर्यटन विभाग ने जारी की अधिसूचना, डीसी कांगड़ा ने बांटे 500 करोड़।
हिम खबर डेस्क
कांगड़ा एयरपोर्ट का भूमि अधिग्रहण अवार्ड अब 15 अगस्त, 2026 तक आगे बढ़ गया है। कैबिनेट में हुए फैसले के बाद पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है।
भूमि अधिग्रहण अवार्ड में यह एक्सटेंशन अधिग्रहण कानून की धारा 25 के तहत दी गई है। कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण का अवार्ड 16 अगस्त, 2024 को नोटिफाई हुआ था।
उसके बाद एक साल की अवधि में यह प्रक्रिया पूरी की जानी थी, लेकिन अब तक करीब 500 करोड़ ही लोगों के बीच में बांटे जा चुके हैं। उनकी जमीन भी ले ली गई है, लेकिन अभी करीब 3000 करोड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए चाहिए। अब अवार्ड की एक्सटेंशन से सरकार को इस धन का प्रावधान करने का समय मिल जाएगा।
पर्यटन विभाग ने राइट टू फेयर कंपनसेशन एंड ट्रांसपेरेंसी इन लैंड एक्विजिशन, रिहैबिलिटेशन एंड रिसेटेलमेंट एक्ट 2013 की धारा 19 के तहत यह अवार्ड घोषित किया था। इसमें 122-54-86 हेक्टेयर भूमि ली जा रही है और यह कुल 14 गांवों में पड़ती है।
इसमें दस गांव तहसील कांगड़ा और चार गांव तहसील शाहपुर के हैं। राज्य सरकार को एक साल के भीतर अवार्ड की प्रक्रिया पूरी करनी थी, लेकिन नोटिफिकेशन में इसके लिए प्रशासनिक कारणों का हवाला दिया गया है।
राज्य सरकार के पास इसे सिर्फ एक साल आगे बढ़ाने का ही अधिकार है। डीसी कांगड़ा ने अब तक अवार्ड की 40 फीसदी प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब अतिरिक्त पैसे की जरूरत राज्य सरकार को है, जिसके लिए सभी विकल्पों पर काम चल रहा है।
सवाल: फोरलेन पहले बनेगा या एयरपोर्ट ?
कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर सबसे बड़ा सवाल अब यह भी है कि फोरलेन पहले बनेगा या एयरपोर्ट? यह इसलिए क्योंकि कांगड़ा एयरपोर्ट के पास पठानकोट-मंडी फोरलेन को लेकर अभी एलाइनमेंट फाइनल होनी है।
कांगड़ा में राजोल से ठानपुरी तक प्रस्तावित फोरलेन की अलाइनमेंट अभी फाइनल नहीं है। इसके लिए तीन विकल्प दिए गए हैं, जिनमें से चयन अभी होना है। इसके तीनों ड्राफ्ट एनएचएआई को भेजे गए हैं।
इस हिस्से में कुल सात गांव आते हैं और गगल एयरपोर्ट भी इसी बीच है। एनएचएआई का कहना है कि गगल हवाई अड्डे के प्रस्तावित विस्तार के कारण इस परियोजना में देरी हुई है।