पंजाब के लुधियाना से पैदल चलकर श्रद्धालु दंडवत होते हुए 10 दिन बाद शनिवार सुबह 12 बजे बाबा बालक के दरबार शाहतलाई पहुंचा। श्रद्धालु ने करीब 200 किलोमीटर का सफर दंडवत प्रणाम करते हुए तय किया।
शाहतलाई – हिमखबर डेस्क
पंजाब के लुधियाना से पैदल चलकर श्रद्धालु दंडवत होते हुए 10 दिन बाद शनिवार सुबह 12 बजे बाबा बालक के दरबार शाहतलाई पहुंचा। श्रद्धालु ने करीब 200 किलोमीटर का सफर दंडवत प्रणाम करते हुए तय किया।
जानकारी के अनुसार लुधियाना के जोधयाल बस्ती से आए 3 सदस्यीय दल में हरभजन सिंह उर्फ काला काफी बुजुर्ग हैं, जिसकी उम्र 60 वर्ष से अधिक है।
हरभजन सिंह ने बताया कि बाबा बालक नाथ जी के दर्शन करने से कष्ट ही दूर नहीं होते, बल्कि परिवार में सुख-समृद्धि के साथ-साथ कारोबार भी अच्छा चलता है।
हरभजन सिंह ने बताया कि यह उनकी 23वीं यात्रा है। वह पुराने टायरों का काम करता था, लेकिन वर्ष 1999 में वह काफी बीमारी हो गया और उसका कारोबार भी बिल्कुल ठप्प हो गया।
उसे बाबा बालक नाथ जी के एक श्रद्धालु ने बताया कि बाबा बालक नाथ मंदिर में एक बार जाकर मन्नत करो, आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी। हरभजन सिंह ने बताया कि उन्होंने बाबा जी के दरबार में हाजिरी लगाते हुए मन्नत की कि मेरा स्वास्थ्य और कारोबार ठीक हो जाएगा तो वह आपके दरबार में हर वर्ष दंडवत होकर चैत्र मास मेले में आएगा।
उन्होंने यह यात्रा वर्ष 2000 में शुरू की थी, लेकिन आज उनका नया और पुराने टायरों का कारोबार है। उन्होंने कहा कि मायारूपी संसार में मानव का मन अशांत हो जाता है मगर चैत्र मास में बाबा बालक नाथ जी के दर्शन करने से अशांत मन को शांति मिलती है। इस यात्रा में देवेंद्र कुमार व सोमनाथ उनके साथ चलते हैं।
उधर, सहायक मेला अधिकारी जगदीश चंद ने लुधियाना से दंडवत होकर शाहतलाई मंदिर पहुंचने पर उक्त श्रद्धालु को प्राचीन मंदिर की फोटो देकर सम्मानित किया तथा उसे जूस भी पिलाया।