एमपी के मुरैना में हादसा, ग्वालियर से उड़े थे दोनों फाइटर जेट; एक मुरैना, तो दूसरा भरतपुर में गिरा, हादसे के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरे मामले की जानकारी ली, दुर्घटना की जांच के लिए भारतीय वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बिठाई
व्यूरो – रिपोर्ट
भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान (एक सुखोई और एक मिराज-2000) शनिवार को एक नियमित प्रशिक्षण अभियान के दौरान मध्य प्रदेश के मुरैना जिला में दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें एक पायलट शहीद हो गया।
इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) ने बयान जारी कर बताया कि सुखोई-30 और मिराज 2000 विमान रेगुलर प्रैक्टिस के दौरान आसमान में ही टकरा गए, जिसके बाद दोनों जेट में आग लग गई। आग लगने के बाद एक मुरैना के जंगलों में जा गिरा, जबकि दूसरा फाइटर जेट भरतपुर जिला में जाकर कै्रश लैंड हुआ।
वहीं हादसे की जांच के लिए भारतीय वायुसेना ने कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी बिठा दी है। वायुसेना का कहना है कि कोर्ट ऑफ इंक्वायरी से साफ हो पाएगा कि दुर्घटना कैसे हुई, लेकिन ये अब लगभग साफ हो गया है कि मुरैना के आसमान में ही दोनों लड़ाकू विमान आपस में टकराए यानी मिड-एयर कोलिजन का शिकार हुए।
उधर, हादसे के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस जनरल अनिल चौहान और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी से पूरे मामले की जानकारी ली।
अधिकारियों ने बताया कि दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी। सुखोई-30 में दो पायलट सवार थे, जिन्होंने समय रहते पैराशूट की इस्तेमाल कर जेट से छलांग लगा दी और उनकी जान बच गई। हालांकि मिराज 2000 में सवार पायलट को काफी गंभीर चोटें आई थीं।
इससे पहले ही डाक्टर उनका इलाज कर पाते वह शहीद हो गए। हादसे की खबर जैसी ही पुलिस-प्रशासन तक पहुंचीं, तो आला अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंच गए। सीएम शिवराज ने भी ट्वीट कर हर संभव मदद करने की बात कही थी।
उधर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी पूरे मामले पर नजर बनाए हुए थे और सीडीएस से लगातार अपडेट ले रहे थे। बता दें कि ये हादसा लगभग सुबह करीब 9:55 बजे हुआ। हादसे में पायलट हनुमंत राव सार्थक शहीद हो गए।
मौके पर पहुंची बचाव टीम ने स्क्वाड्रन लीडर राय और मिथुन को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हालांकि वे काफी जख्मी हो गए थे, जिनका इलाज किया जा रहा है।