सिरमौर- नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी स्थित गोवर्धन बाटलिंग प्लांट में निरीक्षण के दौरान पाई गई अनियमितताओं की कड़ियों को जोड़ते हुए शुक्रवार को आबकारी एवं कराधान विभाग के उड़न दस्ते की टीम ने सिरमौर के कालाअंब में छापेमारी की।
राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त यूनुस खान ने बताया कि आनलाइन डाटा के द्वारा ई-वे बिल (जीएसटी) की जांच करते हुए विभाग ने जिला सिरमौर के कालाअंब स्थित एक औद्योगिक परिसर डच फोरमुलेशन में विभाग के संयुक्त आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी उज्जवल राणा के नेतृत्व में टीम ने निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान पाया कि परिसर में किसी भी प्रकार का कोई उत्पाद तैयार नहीं किया जा रहा था । उक्त इकाई के पास ड्रग अथारिटी की ओर से कोई लाइसेंस जारी नहीं किया गया है। इस यूनिट ने वर्ष 2020- 21 में 8.06 करोड़ रुपये की परचेज ई-वे बिल में की है और लगभग 4.77 करोड़ रुपये की बिक्री दिखाई है।
दोनों में कुल अंतर 3.39 करोड़ रुपये बनता है, जिसका कोई भी स्टाक परिसर में नहीं पाया गया। इसी कंपनी की एक अन्य फर्म डेनिश लैब अंबाला में है। इस फर्म के भी ई-वे बिल चेक किए गए।
इस दौरान पाया गया कि इस फर्म ने सीएमओ धर्मशाला को हैंड सैनिटाइजर के चार खेप नवंबर व दिसंबर, 2021 में भेजे हैं। इसी तरह इसी फर्म ने हैंड सैनिटाइजर की तीन खेप राजीव गांधी आयुष मेडिकल कालेज पपरोला को भेजी है। इन सभी की कीमत 51 लाख रुपये है।
इसके अतिरिक्त मैसर्स डच फार्मूलेशन कालाअंब ने भी हैंड सैनिटाइजर की एक खेप पपरोला कालेज को भेजी है। इसकी कीमत 7.50 लाख रुपये है। उक्त फर्मों को समय दिए जाने के बावजूद किसी तरह की डिटेल विभाग को उपलब्ध नहीं करवाई है।
विभाग ने यह सारा डाटा ई-वे बिल सिस्टम से निकाला है। जब इसकी दोनों विभागों से जांच पड़ताल करवाई तो उन्होंने लिखित में सूचित किया कि उन्होंने ऐसी कोई भी सप्लाई नहीं मंगवाई है, न ही प्राप्त की है। यह व्यापारी ईएनए (Extra Neutral Alcohol) का कारोबार भी करते हैं।
कुल अवैध सप्लाई 58.50 लाख रुपये की है, जिससे लगभग एक लाख बल्क लीटर स्पिरिट खरीदी जा सकती है। लगभग 37 से 40 हजार पेटी शराब का उत्पादन किया जा सकता है।
इससे ऐसा प्रतीत होता है कि उक्त फर्मों की ओर से हैंड सैनिटाइजर सप्लाई करने की आड़ में स्पिरिट की आपूर्ति की जा रही थी। इस संबंध में विभाग द्वारा उक्त फर्म के खिलाफ आगामी कार्रवाई करते हुए एफआइआर दर्ज करवाई है।