आईटीआई चच्योट भवन में किया गया आग लगने पर बचाव संबंधी मॉक ड्रिल

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आग लगने की सूचना मिलने पर प्रशासन तुरंत राहत कार्य में जुटा, आपदा से प्रभावित छात्रों को किया रेस्क्यू

गोहर/मंडी – अजय सूर्या

आपदा न्यूनीकरण के दृष्टिगत “समर्थ 2024” के अंतर्गत 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक लोगों को आपदा राहत से निपटने के लिए व जागरूक करने पर अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में आईटीआई भवन चच्योट में आग से बचाव व राहत कार्य पर प्रशासन द्वारा मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

काल्पनिक स्थिति के अनुसार सुबह 11 बजे आईटीआई चच्योट भवन में आग लगने की सूचना मिलने पर प्रशासन ने तेजी से अपना राहत कार्य शुरू किया। सूचना में पाया गया कि आईटीआई चच्योट में छात्रों द्वारा प्रैक्टिकल के दौरान शॉर्ट सर्किट से भवन में आग लग गई।

प्रशासन द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए अग्निशमन विभाग व गृह रक्षा विभाग ,चिकित्सा विभाग की बचाव राहत के कार्य दल आईटीआई चच्योट भवन में पहुंचे और तुरंत घटनास्थल में बचाव और राहत कार्यों में जुट गए। घटनास्थल में आग लगने से आईटीआई इंस्टीट्यूट भवन के प्रैक्टिकल लैब में चार छात्रों फंसे होने की सूचना पर रेस्क्यू टीम द्वारा उन सभी छात्रों को रेस्क्यू किया गया, जिसमें दो छात्रों को हल्की चोटें पाई गईं व दो छात्रों को गंभीर चोटें पाई गईं।

घायलों को तुरंत रिलीफ कैंप में लाया गया तथा उन्हें प्राथमिक उपचार दिया गया और दो गंभीर चोटों से घायलों को हुए छात्रों को एम्बुलेंस से गोहर हॉस्पिटल के लिए रेफर किया गया तथा आईटीआई चच्योट भवन के सभी कक्षाओं को चेक किया गया और अन्य कोई जान-माल की हानि न होने पर रेस्क्यू ऑपरेशन को समाप्त किया गया।

मॉक ड्रिल समाप्त होने के बाद आपदा से बचाव राहत पर एक कार्यशाला का भी आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता करते हुए एसडीएम गोहर लक्ष्मण कनेट द्वारा उपस्थित सभी छात्रों को “समर्थ 2024” के अंतर्गत जागरूकता अभियान पर विस्तृत जानकारी दी गई।

उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य आपदा की स्थिति में बचाव व राहत कार्य के संबंध में सभी विभाग आपसी समन्वय से कार्य कर सकें तथा रिस्पांस टीम वास्तविक आपदा की स्थिति में आने वाली समस्याओं और बाधाओं में किस तरह से निपटना है, यह भी जांच सकें। साथ ही आपदा के दौरान उनके द्वारा प्रयोग किया जा रहे संसाधनों का प्रयोग व संचार सही प्रकार से हो सके, इसी के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाता है ।

उन्होंने उपस्थित छात्रों को प्रशिक्षण भवन व घरों में आग लगने के कारण जैसे शॉर्ट सर्किट से आग लगना ,खाना पकाने के दौरान, हीटिंग उपकरण से आग लगना, धूम्रपान सामग्री से, गैस सिलेंडर की गैस लीक होने से व जंगलों में आग लगने जैसे प्रमुख करणों पर विस्तृत जानकारी दी।

आग से हुए नुकसान व रोकथाम की स्थिति में उठाए जाने वाले कदमों व राहत तथा बचाव कार्य पर भी प्रकाश डालाश, जिससे घरों व प्रशिक्षण भवनों में फंसे हुए लोगों को छात्रों को कम से कम समय में रेस्क्यू किया जा सके।

कार्यशाला के दौरान अग्निशमन अधिकारी दीवान चंद द्वारा उपस्थित छात्रों को आग लगने पर प्रयोग होने वाले विस्तृत उपकरणों की जानकारी दी गई तथा तथा कार्यशाला के दौरान आग बुझाने वाले यंत्रों का प्रयोग कर छात्रों का प्रशिक्षण किया गया।

गृह रक्षक वाहिनी के कंपनी कमांडर चंद्र सिंह ने आपदा के दौरान इमारतों में फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू करने व उस दौरान प्रयोग होने वाले उपकरणों पर विस्तृत जानकारी दी।

ये रहे उपस्थित

मॉक ड्रिल व कार्यशाला के दौरान थाना प्रभारी गोहर लाल चंद ठाकुर, वाइस प्रिंसिपल सी एस राणा, गृह रक्षा गोहर कंपनी कमांडर रमेश सिंह, कानूनगो कृष्ण सिंह ठाकुर ,इंस्ट्रक्टर धनेश्वर सोनी ,इंस्ट्रक्टर रोशन लाल व अन्य प्रशासनिक अधिकारी कर्मचारी व छात्रगण उपस्थित रहे।

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