ब्यूरो- रिपोर्ट
बाथू में अवैध रूप से पटाखों की फैक्ट्री चलाने और उसमें छह लोगों की मौत पर दोषी को कानूनन कम से कम 35 साल की सजा या फांसी हो सकती है।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट शिमला में अधिवक्ता प्रशांत शर्मा ने कहा कि कम से कम हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। कानून अनुसार यदि फैक्ट्री में सारे कागजात पूरे होते और फिर मानवीय गलती के कारण कोई हादसा होता तो गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज होता।
इस मामले में फैक्ट्री अवैध रूप से चलाई जा रही थी और इसमें बारूद का कार्य किया जाता था जिससे एक्सप्लोसिव एक्ट के अंतर्गत धारा 3,4,5 में मामला बनता है। इसमें कम से कम 20 साल की सजा और साथ में सात साल तक अतिरिक्त सजा का प्रविधान है।
इस हादसे में छह महिलाओं की मौत हुई है। अदालत से इस मामले के आरोपित को मृत्युदंड या फिर उम्रकैद दी जा सकती है। इसके साथ एक्सप्लोसिव एक्ट की सजा होनी तय है। दोनों को मिलाकर कम से कम 35 साल तक सजा बन सकती है।
बहरहाल पुलिस ने अभी तक इस मामले में किसी को आरोपित नहीं बनाया है। लेकिन फैक्ट्री के प्रबंधक को गिरफ्तार किया गया है।
घटनास्थल पर उत्तर प्रदेश नंबर की कार और एक मोबाइल फोन नंबर मिला है और उसी आधार पर पुलिस की जांच चल रही है। मुख्य आरोपित की पहचान और उसकी गिरफ्तारी तक पुलिस की प्राथमिकी में सारी धाराएं स्पष्ट होंगी।