अब 20 दिन तक ताजा रहेगा दियोटसिद्ध का रोट, इस दाम में मिलेगा

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टेस्टिंग के लिए रखे सैंपल की शेल्फ लाइफ रिपोर्ट में खुलासा, गुणवत्ता के प्रति बढ़ेगा भक्तों का विश्वास

हिमखबर डेस्क

दियोटसिद्ध स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में प्रसाद के रूप में चढ़ाए जाने वाले रोट की गुणवत्ता की फाइनल रिपोर्ट आ गई है। टेस्टिंग के लिए रखे रोट की शेल्फ लाइफ स्ट्डी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि बाबा का रोट बनाए जाने के बाद 20 दिनों तक खाने की दृष्टि से सुरक्षित रह सकता है।

गौरतलब हो कि सोलन स्थित शूलिनी यूनिवर्सिटी की शूलिनी लाइफ साइंस लैब में रोट के सैंपल टैस्टिंग के लिए रखे गए थे। हालांकि रोट को लेकर दियोटसिद्ध के दुकानदारों द्वारा यह तर्क दिया जाता था कि रोट एक महीने तक खराब नहीं होता बशर्ते उसमें पानी न लगे, लेकिन बाबा के रोट की शेल्फ लाइफ ने सभी तरह के संशय पर विराम लगा दिया है।

अब अगला कार्य रोट की पैकिंग और उस पर अंकित की जाने वाली मैन्युफेक्चिरिंग और एक्सपायरी डेट का रहेगा। ऐसा माना जा रहा है कि रोट की शेल्फ रिपोर्ट से न केवल आस्था के साथ प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता पर मोहर लगेगी। रोट की गुणवत्ता जाने के लिए व्यापार मंडल दियोटसिद्ध की सहमति से रोट की गुणवत्ता परखने के लिए उसे सोलन स्थिति शूलिनी यूनिवर्सिटी के सहयोग से टेस्टिंग पर रखा गया है।

बताते चलें कि सितंबर 2024 में तिरुपति बाला जी मंदिर के प्रसाद का मामला विवादों में आने के बाद सवाल उठने लगे हैं कि प्रसाद की गुणवत्ता के मानक आखिर क्या तय किए गए हैं और क्या होने चाहिएं। दियोटसिद्ध मंदिर में बाबा को चढ़ाए जाने वाले रोट को लेकर जब पड़ताल की गई तो पाया गया कि फिलहाल विशेष रूप से प्रसाद को चैक करने के कोई फिक्स मानक नहीं हैं। दुकानदार जो बनाते और बेचते हैं वो खरीदा जाता है।

अनिल शर्मा, असिस्टेंट कमिश्नर फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के बोल

मंदिर में चढ़ाए जाने वाले रोट के सैंपल की फाइनल रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट के अनुसार रोट की शेल्फ लाइफ 20 दिन तक है। आने वाले समय में इस रिपोर्ट के आधार पर ही रोट के पैकेट में मेन्युफेक्चिरिंग और एक्सपायरी डेट भी मेंशन की जाएगी।

दियोटसिद्ध में रोट की 80 दुकानेें

दियोटसिद्ध में अपर और लोअर बाजार में लगभग 250 दुकानें हैं, जिनमें से लगभग 80 दुकानों में रोट प्रसाद बनाया जाता है।

250 रुपए किलो दाम

बाबा जी का रोट जो कि आटा, मैदा, डालडा घी या रिफाइंड, चीनी और गुड़ इत्यादि वस्तुओं से बनाया जाता है उसकी कीमत 250 रुपए प्रति किलोग्राम है। प्रति पीस दुकानदार इसे 10 रुपए से लेकर 30 रुपए तक बेचते हैं। देसी घी का रोट केवल ऑर्डर पर बनाते हंै।

सुरक्षा मानकों का ख्याल

व्यापार मंडल प्रधान संजय कुमार के अनुसार प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा रोट को लेकर उठाया गया यह कदम सराहनीय है। खाद्य पदार्थों में सुरक्षा के मानकों का याल रखा जाना आज समय की जरूरत है। रोट 20 दिन तक सुरक्षित रहेगा।

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