शिमला – नितिश पठानियां
सरकारी एजेंसियां कहां-कहां पर शराब ठेकों का कारोबार करेंगी, यह तय कर दिया गया है। वन निगम, जो कि अभी तक लकड़ी बेचने का कारोबार कर रही है, को प्रदेश के सबसे बड़े जिला कांगड़ा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इसके साथ कुल्लू जिला में सामान्य उद्योग निगम को शराब ठेके सौंप दिए गए हैं, जो पहले से देशी शराब बनाने का काम कर रहा था। सामान्य उद्योग निगम यहां ऊना नंबर वन शराब बनाता है, लेकिन इसकी बिक्री का काम वह पहली बार करेगा।
जानकारी के अनुसार मंडी जिला के शराब ठेकों की जिम्मेदारी स्टेट इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कारपोरेशन को सौंपा गया है। यह निगम अभी तक उद्योग क्षेत्रों को विकसित करने का काम कर रहा है।
अब इसका कारोबार और अधिक बढ़ जाएगा। इसी तरह से सिविल सप्लाई कारपोरेशन, जिसके पास राशन बेचने का काम है, वहे भी शराब बेचने का कारोबार करेगा। इससे उसकी अतिरिक्त कमाई होगी।
सिविल सप्लाई कारपोरेशन के पास इसके लिए आधारभूत ढांचा भी है, जिसे कुछ नई व्यवस्थाएं ही करनी होंगी। सिविल सप्लाई कारपोरेशन को सरकार ने बिलासपुर के शराब ठेके चलाने का जिम्मा दिया है।
वहीं एचपीएमसी जो जूस व वाइन आदि बेचता है उसे शिमला में शराब ठेके सौंपे गए हैं। शिमला में नगर निगम शिमला भी 19 शराब ठेके चलाएगा, जो कि उसके अपने एरिया में होंगे।
हिमफेड अभी तक खाद व फर्टिलाइजर बेचने का काम कर रहा है, जिसके पास अब शराब की बिक्री का भी काम होगा। इससे पहले भी पूर्व सरकारों में सरकारी एजेंसियों को शराब बिक्री का काम दिए जाने की सोच थी।
तत्कालीन वीरभद्र सरकार में एक सरकारी निगम भी बनाया गया था व निगम के अधीन सरकारी शराब के ठेकों की चलाए जाने की सोच थी, पर वह कंसेप्ट सफल नहीं हो पाया
इस बार बहुत बड़ा टारगेट
सरकार ने इस वित्त वर्ष में राज्य कर एवं आबकारी विभाग के लिए 2850 करोड़ की कमाई का टारगेट रखा है। हालांकि इस टारगेट को विभाग पूरा नहीं कर पाएगा, यह तय नहीं है, क्योंकि उससे सबसे अधिक कमाई शराब ठेकों की नीलामी से होती है और प्रदेश में 250 से ज्यादा शराब ठेके इस बार नीलाम नहीं हो सके हैं।
अब इसका नुकसान सरकार को होगा, लेकिन इसकी भरपाई करने के लिए विभाग कोई दूसरा तरीका निकालेगा। ऐसा अधिकारियों ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि अधिकारी किस युक्ति से इस कमाई को पूरा करते हैं।
किस सरकारी एजेंसी को कहां, कितने ठेके
बिलासपुर और मंडी में सिविल सप्लाई कारपोरेशन व स्टेट इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कारपोरेशन को 66 शराब ठेके दिए गए हैं, जिनको वही चलाएंगे। इसकी एवज में रिजर्व प्राइज से भी कम की राशि राज्य कर एवं आबकारी विभाग उनसे लेगा और शराब मैक्सिमम रिटेल प्राइज पर ही इनके द्वारा बेची जाएगी।
सूत्रों के अनुसार वन विकास निगम को कांगड़ा में 100 के करीब शराब ठेके दिए गए हैं, जिसके लिए उन्हें आधारभूत ढांचा विकसित करना होगा।
वहीं, कुल्लू में जीआईसी को 30 ठेके, शिमला में एचपीएमसी को 35 ठेके, हिमफेड को 24 ठेके, नगर निगम शिमला को 19 शराब ठेके दिए जाने का प्रस्ताव है।