विशेष संवाददाता — शिमला
प्रदेश सरकार राज्य के साढ़े 18 लाख उपभोक्ताओं को सुविधा देने जा रही है। राशन के डिपो में उनकी सुविधा के लिए एक शिकायत पुस्तिका होगी, जिसमें उपभोक्ता अपनी शिकायत को लिखित रूप में दर्ज कर सकेंगे। जो अधिकारी निरीक्षण के लिए डिपो में जाएंगे, उन्हें सबसे पहले शिकायत पुस्तिका देखनी होगी और इसमें अपने कमेंट भी देने होंगे। बताया जाता है कि सीएम हेल्पलाइन में राशन डिपुओं को लेकर कई तरह की शिकायतें सामने आई हैं, जिसमें सुझाव भी दिए गए। इस पर सरकार ने निर्णय लिया है कि शिकायतों के लिए शिकायत पुस्तिका रखी जाए।
इसलिए शिकायत दर्ज करवाने के लिए विभाग ने सभी डिपोधारकों को काउंटर पर शिकायत पुस्तिका रखना अनिवार्य कर दिया है। इस दौरान अगर किसी व्यक्ति को राशन की क्वालिटी से संबंधित कोई शिकायत है या डिपो होल्डर के व्यवहार से कोई परेशानी है, राशन समय पर और पूरा नहीं मिल रहा है या राशन खराब मिल रहा है, तो ग्राहक डिपो में रखी शिकायत पुस्तिका में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। चैकिंग पर आने वाले खाद्य अधिकारी संबंधित रजिस्टर को देख कर शिकायत का निवारण करेंगे।
खाद्य आपूर्ति विभाग ने इस संबंध में संबंधित सभी अधिकारियों को चैकिंग करने के आदेश जारी कर दिए हैं और इसकी रिपोर्ट हर महीने विभाग को सौंपने को कहा है। इसके अलावा विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अगर एक नजर में किसी खाद्यान्न का नमूना ठीक नहीं लगता है, तो ऐसे खाद्यान्न के स्टॉक की बिक्री को तुरंत बंद करवा कर उस पर नॉट फॉर सेल का बोर्ड लगा दें, ताकि डिपोधारक उस सामान को न बेच सके।
ऐसे राशन का सैंपल भरकर उसे तुरंत टेस्टिंग के लिए भेजने को कहा गया है। खाद्य आपूति विभाग के निदेशक आबिद हुसैन सादिक का कहना है कि पीडीएस प्रणाली को ज्यादा सुगम बनाने के लिए और लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए कार्यप्रणाली में सुधार किया जा रहा है। शिकायतों के निवारण के लिए शिकायत पुस्तिका की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि वन नेशन, वन राशन कार्ड व्यवस्था लागू करके विभाग ने सरकार का 800 करोड़ रुपए का नुकसान होने से बचाया है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को सशर्त इस व्यवस्था को लागू करने को कहा था।