अब उतराई में चार्ज होंगे इलेक्ट्रिक वाहन, आईआईटी मंडी ने किया नया शोध, ईवी सेक्टर को बड़ी राहत
मंडी – अजय सूर्या
भारत सरकार ने सरकार 2030 तक देश के वाहन बेड़े का 30 प्रतिशत विद्युतीकरण करने का लक्ष्य रखा है और इसके लिए उपभोक्ताओं को ईवी वाहनों पर सरकार सबसिडी भी प्रदान कर रही है, लेकिन आज भी ईवी वाहनों की रेंज क्षमता सबसे बड़ी समस्या है।
खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी रेंज क्षमता और चार्जिंग एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। पहाड़ी राज्यों में ईवी वाहन न सिर्फ चढ़ाई पर अधिक बैटरी खपत करते हैं, बल्कि उतराई में बे्रक लगाने से बैटरी की खपत होती है, लेकिन अब आईआईटी मंडी के वैज्ञानिकों ने इसका हल निकाल लिया है।
अब उतराई पर बे्रक मारते समय ईवी वाहन बैटरी खपत नहीं करेंगे, बल्कि ऊर्जा को रीजेनरेट करते हुए बैटरी की रेंज क्षमता को बढ़ाएंगे। इस शोध से बैटरी की रेंज क्षमता में 18 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो कि ईवी सेक्टर के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
आईआईटी मंडी के डा. हिमांशु मिश्रा और एमडी इरशाद अंसारी द्वारा किए गए शोध आईपीएमएसएम कपल्ड आईए ड्राइव का उपयोग करके पहाड़ी क्षेत्र में थ्री व्हीलर इलेक्ट्रिक वाहन ट्रेक्शन के लिए लोड इम्यूलेशन के साथ रीजेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम को तैयार किया है।
इस सिस्टम ने डाउनहिल ट्रेक्शन के दौरान ऊर्जा रिकवरी में 18.6 प्रतिशत की वृद्धि का प्रदर्शन किया है, जो वर्तमान ईवी उपयोगकर्ताओं को परेशान करने वाली रेंज चिंता को हल करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण छलांग है।
शोध में एक उपयोगकर्ताओं के लिए एक ऐसा इलेक्ट्रिक ब्रेकिंग सिस्टम पेश किया गया है, जो एक संशोधित वोल्टेज स्रोत इन्वर्टर (वीएसआई) सेटअप के साथ एकीकृत है।
मानक छह स्विच संचालन के बजाय, प्रस्तावित विधि केवल निचले तीन स्विच का उपयोग करती हैै, जिसमें मोटर के अनुमानित बैक इलेक्ट्रोमोटिव बल (बैक ईएमएफ ) द्वारा निर्देशित पल्स चौड़ाई मॉड्यूलेशन रणनीति होती है।
यह तकनीक सुनिश्चित करती है कि कम गति पर अधिकतम ऊर्जा का संचयन किया जाए और बैटरी में वापस किया जाए, जिसमें कम गति भी शामिल है, जहां सामान्य आरबी सिस्टम कम प्रभावी होते हैं।