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बिलासपुर, सुभाष चंदेल

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बिलासपुर के डियारा सेक्टर के रहने वाले अनुभव सिंह चंदेल भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर वापिस घर लौटे है. बेटे की इस उपलब्धि से उसके परिजनों सहित शहर के लोगों में खुशी का माहौल है और बधाई देने वालों का दिनभर तांता लगा हुआ है.

 

डीएवी स्कूल में टॉपर रहे अनुभव सिंह चंदेल का बचपन से ही सपना आर्मी जॉइन करना था और ब्रिटिश इंडियन आर्मी में कैप्टन पद से रिटायर्ड अपने पर दादा सोहन सिंह चंदेल को प्रेरणा स्त्रोत मानकर अनुभव ने जी जान से पढ़ाई की और सेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने सपने को साकार भी किया.

 

वहीं इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून से अपनी ट्रेनिंग पूरी कर इस साल एनडीए पासिंग आउट परेड में लेफ्टिनेंट बनकर जब अनुभव सिंह चंदेल अपने घर बिलासपुर पहुंचे तो सेना की ड्रेस पहने अनुभव को देख उसके माता पिता अपने खुशी के आंसू ना रोक सके.

 

वहीं अनुभव चंदेल का कहना है कि उन्होंने बचपन से ही अपने पर दादा कैप्टन सोहन सिंह चंदेल की बहादुरी के किस्से सुने थे और भारतीय सेना में मान सम्मान मिलता है उसको देखकर ही उन्होंने सेना में भर्ती होने का लक्ष्य निर्धारित किया था और आज वह भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बनकर जिस मुकाम पर पहुंचे है उसके पीछे कहीं ना कहीं उनकी माँ किरण बाला की पूजा-अर्चना व पिता वीरेंद्र चंदेल का सहयोग भी शामिल है.

 

साथ ही अनुभव ने भारतीय सेना में जाकर देश की सेवा व रक्षा के लिए समर्पित होने की बात कहते हुए आज के युवाओं को नशे से दूर रहते हुए अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित कर उसे पाने के लिए जी जान से मेहनत करने व उनके माता पिता द्वारा पूरा सहयोग करते हुए हर तरह की परेशानी में उनका साथ देने की अपील भी की है ताकि आज के युवा गलत रास्ते पर ना चलकर तरक्की का रास्ता अपनाए.

 

वहीं अनुभव सिंह चंदेल की इस कामयाबी को देख उसकी माँ किरण बाला ख़ुशी के साथ साथ भावुक भी हो उठी और उन्होंने ईश्वर से यह कामना की है कि उनका बेटा देश की रक्षा व सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे.

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