जन्माष्टमी पर्व पर मणिमहेश डल झील में पवित्र छडिय़ों ने किया स्नान, खूब लगे भोले के जयकारे
चम्बा- धर्म नेगी
मणिमहेश यात्रा के तहत जन्माष्टमी पर्व पर परंपरा का निर्वाहन करते हुए करीब अढ़ाई सौ श्रद्धालुओं ने डल झील में आस्था की डुबकी लगाई। इस दौरान पड़ोसी राज्य जम्मू-कश्मीर से आई पवित्र छडिय़ों ने भी डल में स्नान किया।
लिहाजा सांकेतिक रूप से आयोजित की जा रही उत्तर भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा का छोटा न्हौण सोमवार मध्यरात्रि के बाद संपन्न हो गया। लिहाजा अब राधा अष्टमी पर्व पर होने वाले बड़े न्हौण की व्यवस्थाओं में न्यास जुट गया है। उल्लेखनीय है कि मणिमहेश यात्रा को इस वर्ष भी कोरोना महामारी के चलते सांकेतिक रूप से मनाया जा रहा है।
इसके तहत यात्रा में छडिय़ों के साथ आने वाले यात्रियों को सीमित संख्या और स्थानीय लोगों को परंपरा निभाने के लिए ही डल झील की ओर जाने की अनुमति प्रशासन दे रहा है। रविवार शाम को थोड़ी देर बर्फबारी होने के बाद मौसम भी खुल गया।
बावजूद इसके प्रशासन ने रात के समय कुछ यात्रियों को डल झील व अन्यों को गौरीकुंड शिफ्ट कर दिया था, जबकि हड़सर समेत अन्य पड़ावों पर भी गत रविवार रात यात्रियों को प्रशासन के आदेशों के बाद सुरक्षित ठिकानों पर रोक दिया। लिहाजा रात को मौसम खुलने के बाद भद्रवाह की छडिय़ों के साथ आए यात्रियों ने डल में जन्माष्टमी पर्व का सबसे पहले पवित्र स्नान किया।
इसके बाद सोमवार को दिन भर थोड़ी-थोड़ी संख्या में यात्रियों ने डल में आस्था की डुबकी लगाई। उधर, मणिमहेश न्यास के सदस्य सचिव एवं एसडीएम भरमौर मनीष सोनी ने कहा कि जन्माष्टमी पर्व पर करीब अढ़ाई सौ यात्रियों ने डल झील में पवित्र स्नान किया है।
उन्होंने कहा कि आम यात्रियों को डल झील की ओर जाने की अनुमति नहीं है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे प्रशासन का सहयोग करें।