बिलासपुर – सुभाष चंदेल
हिमाचल प्रदेश वैटरन सैनिक कल्याण एंव विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष व युनाइटेड फ्रंट ऑफ एक्स सर्विसमैन जेसीओ ओ-आर हिमाचल प्रदेश के वैटरन कैप्टन बालक राम शर्मा ने पत्रकार वार्ता कहा कि देश की राजनीति ने अपना भविष्य बना लिया परन्तु आज देश का युवा वेरोज़गारी में झुलस रहा है और आने वाले समय में की नीतियों से घातक परिणाम मिल सकते है।
जैसे – अग्निपथ से अग्निवीर सैनिक बने आज सेवानिवृत्त की दहलीज पर आ चुके हैं और आने वाले भविष्य के लिए परिवार सहित चिंताजनक स्थिति पैदा दिख रही है। देश व पड़ोसी देश का युवा का रुख चाइना के ओर बढ़ने लगा है जो घातक सिद्ध हो सकता है।
जैसे – एक तरफ देश में बेरोजगारी से झूझते नौजवान अग्निवीर सेवानिवृत्ती की दहलीज पर है। वह चार साल के अग्निवीर सैनिक अधर में लटके उनके परिवार जन चिंतित है और दूसरी तरफ हमारे पड़ोसी हिन्दू राष्ट्र नेपाल के नवयुवक जो अब भारतीय सेना में शामिल होने की बजाय हमारे दुश्मन देश चीन की सेना में भर्ती हो रहे हैं। आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी बजा सकते हैं।
ये एक गंभीरतापूर्वक विचार विमर्श करने की जरूरत है। समय रहते देश के वेटरन्स थल सेना, वायु सेना, नेवी या अर्धसैनिक वल के हो सबको ऐसे घातक बिन्दुओं पर गंभीरता से सोचना होगा। नेपाल के युवा पड़ोसी दुश्मन देश की तरफ जाने लगे हैं। तो इसके क्या परिणाम हो सकते हैं। शायद कोई सोच विचार करे?
वैटरन कर्नल नरेन्द्र पठानिया ने कहा कि भारतीय सरकार द्वारा सेना में यह परिवर्तन न केवल सेना के लिए है बल्कि भारतीय विदेश निती को भी बुरी तरह से प्रभावित करेगा। ऐसी स्तिथि में स्वर्गीय फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ की महान् आत्मा जो कि गोरखा सोलजरस और उनके द्वारा बंग्लादेश युद्ध के दौरान दी गई कुर्बानियों पर अभिमान करते थे और आज भी देश की सेना व देश के लोग अभिमान करते हैं।
ऐसी नीतियों से देश के लोग व वेटरन्स जरूर आहत हुए होगें। पाकिस्तान और चीन के साथ साथ नेपाल को भी दुश्मन की श्रेणी में शामिल करने के विषय पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कर्नल नरेंद्र पठानियां सेवानिवृत्त और हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक समिति अध्यक्ष व ईलाके के बुद्धिजीवी और प्रदेश के पुर्व सैनिकों ने सरकार को अग्निवीर योजना को तुरंत निरस्त करने का आग्रह किया है।
ताकि हमारे पड़ोसी हिन्दू राष्ट्र नेपाल के भारत के साथ मधुर रिश्ते कायम रहें और नेपाल का युवा जैसे पहले हिन्दुस्तान में सेना की नौकरी करते थे ,उसी प्रथा का कायम रखा जाये ऐसे। बिन्दुओं को राजनैतिक द्वेष न समझे यह देश हित के लिए स्वर्णिम रहेगा। अग्निवीर सैनिक बनाने वाली नीति को जल्द से जल्द निरसस्त करने की मांग करते हैं।