उपायुक्त अनुपम कश्यप ने दोनों खिलाड़ियों को किया सम्मानित, नशे से दूर रखने के लिए चिढ़गांव में चला रही एकेडमी।
शिमला – नितिश पठानियां
दिल्ली के केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में 1 फरवरी से 5 फरवरी 2025 तक आयोजित चौथी बाॅको इंडिया ओपन इंटरनेशनल किक बाॅक्सिंग टूर्नामेंट में जिला शिमला के चिढ़गांव क्षेत्र की दो बेटियों ने स्वर्ण पदक हासिल करने के बाद शुक्रवार को उपायुक्त अनुपम कश्यप से भेंट की।
उपायुक्त ने इस मौके पर सनिका ललटवान और दीक्षिता शिलाल को सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि नशे से दूर रहने के लिए खेलों को अपने जीवन को अहम हिस्सा बनाना जरूरी है। खेलों से जहां शरीर स्वस्थ रहता है वहीँ रोजगार के अवसर भी प्राप्त होते हैं।
राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय स्तर की खेलों के लिए प्रदेश सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई गई है। इसके अलावा, सरकारी सेवाओं में भी खिलाड़ियों को आरक्षण मुहैया करवाया जाता है।
उपायुक्त ने कहा कि दोनों बेटियों ने केवल क्षेत्र का नाम ही रोशन नहीं किया है बल्कि पूरे हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन किया है। नशे के खिलाफ जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे अभियान में दोनों खिलाड़ियों को अहम भूमिका निभाने का मौका दिया जाएगा ताकि युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
सनिका ललटवान सुपुत्री श्मशेर सिंह गांव संधाड़ी डाकघर खाबल तहसील चिढ़गांव ने लो किक माइन्स 56 किलोग्राम की श्रेणी में स्वर्ण पदक हासिल किया है। सनिका का फाइनल मैच नेपाल के खिलाड़ी के साथ खेला गया।
सनिका ने जानकारी देते हुए बताया कि बचपन से चीनी फिल्में देखने का शौक था। उसमें किक बाक्सिंग होती थी। लेकिन हमारे आसपास कोई सिखाने वाला नहीं था। फिर मैंने 2016 में वुशु खेलना शुरू कर दिया और वुशु में राज्य स्तरीय खेलों में हिस्सा लिया। फिर 2018 में इंदिरा गांधी खेल परिसर शिमला में ताइक्वांडो भी सीखा।
2023 में शिलारू में आयोजित खेलो इंडिया में पहली बार किक बॉक्सिंग में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद नेशनल में फोर्थ ब्रांज हासिल किया। लेकिन इस बार अंतरराष्ट्रीय किक बॉक्सिंग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक हासिल किया।
वहीं दीक्षिता शिलाल सुपुत्री स्व केश्व राम चौहान गांव डिसवानी डाकघर कलोटी तह चिढ़गांव ने गाला किक बाक्सिंग माइनस 60 किलोग्राम श्रेणी में स्वर्ण पदक हासिल किया है। 2018 से किक बॉक्सिंग कर रही है।
2019 में सीनियर नेशनल में दीक्षिता ने स्वर्ण पदक हासिल किया था। 2022 में फिर से सीनियर नेशनल में खेली और सिल्वर मैडल हासिल किया। 2023 खेलों इंडिया में स्वर्ण पदक और 2025 में भारत की पहली ऐसी खिलाड़ी बनी हैं।
जोकि किक बाक्सिंग की गाला फाईट में बेल्ट हासिल कर सकी। दोनों खिलाड़ियों ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और कोच वीरेंद्र जगिशता को दिया है।
दोनों खिलाड़ियों ने खोली चिढ़गांव में एकेडमी
सनिका और दीक्षिता पिछले 06 महीने से चिढ़गांव में हिमालयन वाॅरियर मार्शल आर्टस एकेडमी चला रही हैं। दोनों खिलाड़ियों ने जानकारी देते हुए कहा कि हमारे क्षेत्र में चिट्टा काफी फैल गया है और युवा पीढ़ी नशे की तरफ बढ़ती जा रही है।
इसलिए हमने अपनी एकेडमी वहां पर खोली है ताकि स्कूली स्तर से ही बच्चों को खेलों के प्रति जोड़ पाएं और अपने क्षेत्र को नशे से बचाने में अपनी जिम्मेदारी सुनिश्चित कर सकें।
उन्होंने सभी आभिभावकों से अपील की है कि अपने बच्चों को खेलों से जोड़े और उन्हें नशे से दूर रखने में अपनी भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि एकेडमी तो कहीं भी खोली जा सकती है लेकिन जिस क्षेत्र से हम आती है उस क्षेत्र के प्रति हमारा भी कोई उतरदायित्व बनता है।
उस क्षेत्र में कोई भी एकेडमी नहीं थी। भले आज हमारे पास बच्चें कम हैं लेकिन धीरे-धीरे संख्या बढ़ेगी और अपने क्षेत्र को नशा मुक्त बनाने के लक्ष्य में सफलता मिलेगी।