शिमला – नितिश पठानियां
हिमाचल कांग्रेस के पूर्व महासचिव एवं बिलासपुर के पूर्व विधायक बंबर ठाकुर की हत्या करने के लिए आरोपितों को चार-चार लाख रुपये की सुपारी दी गई थी। हमले में मुख्य भूमिका निभाने वाला हरियाणा के रोहतक जिले के रितौली का अमन उर्फ काकू पहलवान आठ फरवरी के आसपास सागर और हर्ष के साथ बिलासपुर पहुंचा था। दो अन्य आरोपित अजय और बॉबी 13 मार्च को यहां आए थे।
अजय और बॉबी ने बिलासपुर पहुंचने के बाद अमन से पूछा था कि इस काम के बदले उन्हें कितने पैसे मिलेंगे। इस दौरान पूरी साजिश को अंतिम रूप दिया गया। हालांकि साजिश की भनक लगने के बाद हर्ष डर गया और अपने घर रितौली चला गया था। जांच में पता चला है कि हमले की साजिश काफी पहले से रची जा रही थी।
अमन और सागर फरवरी से बिलासपुर में ही घूम रहे थे। बंबर ठाकुर पर कब और कैसे हमला करना है, उसके बाद कैसे घटनास्थल से भागना है। बिलासपुर निवासी मनजीत नड्डा के साथ मिलकर अमन और सागर ने इसकी पूरी रिहर्सल की थी। होली के दिन हुए इस हमले में बंबर ठाकुर और उनके पीएसओ संजीव घायल हुए हैं।
हमले के दौरान अमन ने देसी पिस्तौल का इस्तेमाल किया जबकि तीन आरोपितों ने 0.32 और 0.30 बोर के पिस्तौल से गोलियां चलाईं थीं। हमले से कुछ दिन पहले ही चार पिस्तौल और गोलियां आरोपितों के पास किसी व्यक्ति ने पहुंचाई थीं।
अमन का भाई चला रहा उसका इंस्टाग्राम, पुलिस की मुश्किल बढ़ी
अमन पहलवान का भाई उसका इंस्टाग्राम अकाउंट चला रहा है। पुलिस को उम्मीद थी कि इंस्टाग्राम आइपी पते के सहारे आरोपित तक पहुंचेंगी। लेकिन जब इस बात का पता चला कि इंस्टाग्राम का पासवर्ड अमन के भाई के पास है तो पुलिस की उम्मीद टूट गई। अब अमन तक पहुंचने में पहाड़ जैसी चुनौती का सामना करना होगा।
उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को बिलासपुर में कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर कुछ अज्ञात लोगों ने गोलियां चला दी थी। वारदात उस समय हुई जब बंबर बिलासपुर में अपने आवास पर मौजूद थे। इस दौरान कुछ अज्ञात लोग वहां पर आए और बंदूक से उन पर गोली चला दीं।
पूर्व विधायक बिलासपुर में अपनी पत्नी को आवंटित सरकारी आवास के आंगन में अन्य लोगों के साथ बैठे थे, तभी चार लोग आए और गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस मामले में पुलिस ने चार शूटरों में से एक शूटर को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। वह हरियाणा के रोहतक जिले के रितौली का रहने वाला है।
पुलिस अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस हमले के पीछे किसका हाथ था और क्या यह कोई राजनीतिक रंजिश का नतीजा था। इसके अलावा पुलिस यह भी पता लगाने में जुटी है कि हमले की योजना कहां बनाई गई और इसके लिए हथियार कहां से आए थे।