शिमला के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में आधुनिक उपकरणों से दे रहे धोखा
शिमला – नितिश पठानियां
नवोदय विद्यालय समिति की ओर से रविवार को आयोजित विभिन्न गैर शिक्षक पदों की भर्ती परीक्षा के दौरान शिमला में एक संगठित नकल रैकेट का पर्दाफाश हुआ है। परीक्षा में तकनीक के सहारे नकल कराने की बड़ी साजिश बेनकाब हुई है।
शिमला पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल 40 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 35 पुरुष और 5 महिलाएं शामिल हैं। सभी आरोपी हरियाणा और पड़ोसी राज्यों से ताल्लुक रखते हैं। इनके खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम 2024 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) के तहत मामले दर्ज किए गए हैं।
इस पूरे मामले में शिमला के सदर, ढली, न्यू शिमला और ईस्ट शिमला थानों में कुल पांच एफआईआर दर्ज की गई हैं। पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी सुनियोजित तरीके से शिमला पहुंचे और स्थानीय होटलों में रुके। फिर परीक्षा केंद्रों पर ब्लूटूथ और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के जरिये नकल कराने का प्रयास किया।
सदर थाना अंतर्गत चप्सली स्कूल भराड़ी परीक्षा केंद्र से सात अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया गया। इनमें मोहित (भिवानी), आशीष (रोहतक), मनीष कुमार (झज्जर), गौरव (दिल्ली), रीतू देवी (हिसार), मोहित कुमार (भिवानी) और शुभम (जींद) शामिल हैं।
पहली एफआईआर में सेंट्रल स्कूल फॉर तिब्बतियनस परीक्षा केंद्र से अंकित (चर्खी दादरी) और संदीप (भिवानी) को पकड़ा गया। वहीं दूसरी एफआईआर के तहत सेंट एडवर्ड स्कूल परीक्षा केंद्र से कुल 11 उम्मीदवारों को ब्लूटूथ डिवाइसेज और मोबाइल के साथ पकड़ा गया। इनमें प्रिंस शर्मा, दीपांशु, मोनिका, संजीव, यूनिक, साहिल, गौरव, पलाड़, कुलदीप, शिवपाल और मंगत शामिल हैं।
न्यू शिमला स्थित जेसीबी सीनियर सेकेंडरी स्कूल परीक्षा केंद्र से आठ अभ्यर्थियों को पकड़ा गया। इनमें राकेश कुमार, कुलविंदर, मोहित, तरुण, प्रवीन कुमार, रॉकी, परवीन और अमनदीप शामिल हैं। इन सभी के पास से आधार कार्ड व पैन कार्ड सहित पहचान दस्तावेज भी बरामद किए गए।
ढली थाना क्षेत्र स्थित सरस्वती पैराडाइज स्कूल से 12 अभ्यर्थियों को पकड़ा गया। इनमें राहुल (हिसार), अजय (फतेहाबाद), नितिन (सोनीपत), संदीप कुमार (महेंद्रगढ़), आकाश (भिवानी), शिवम (दिल्ली), दिनेश नैन (जींद), के.एम. कल्पना (सोनीपत), मोनू (बागपत), पूजा (राजस्थान), रोनम (अलवर) सहित अन्य शामिल हैं।
ब्लूटूथ व अन्य डिवाइसेज के जरिये दी जा रही थी मदद
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी परीक्षा केंद्रों में अत्याधुनिक ब्लूटूथ डिवाइसेज छुपाकर लाए थे। इन्हीं उपकरणों के जरिये उन्हें बाहर से उत्तर बताए जा रहे थे। कुछ केंद्रों पर जब परीक्षकों को अभ्यर्थियों की गतिविधियां संदिग्ध लगीं, तो तलाशी में ये डिवाइसेज बरामद हुए।
इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच के लिए शिमला पुलिस ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है, जिसकी कमान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतन नेगी को सौंपी गई है। आठ सदस्यीय यह टीम पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल हैं, क्या इन्हें स्थानीय स्तर पर सहयोग मिला और क्या ये गिरोह अन्य राज्यों में भी इसी तरह की परीक्षाओं में सक्रिय रहा है।
पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी के बोल
शिमला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी ने कहा कि इस तरह की घटनाएं परीक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को चोट पहुंचाती हैं। उन्होंने कहा कि एसआईटी इस मामले की तह तक जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जांच में किसी और व्यक्ति की संलिप्तता सामने आती है तो उसके खिलाफ भी सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।