सिरमौर – नरेश कुमार राधे
हिमाचल प्रदेश वीरों की भूमि है। कारगिल युद्ध से लेकर अब तक न जाने देवभूमि के कितने रणबांकुरों ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए देश के दुश्मनों को धूल चटाई है। इसी गौरवशाली श्रृंखला में अब हिमाचल के सिरमौर जिले का एक और नाम भी स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया है।
जानकारी के अनुसार शिलाई विधानसभा क्षेत्र के छोटे से गांव बाम्बल के रहने वाले भारतीय सेना के वीर जवान अमित ठाकुर ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान ऐसी बहादुरी दिखाई कि दुश्मनों की नींद उड़ गई।
अमित ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मात्र 300 मीटर की दूरी से दुश्मन की चेक पोस्ट पर रॉकेट लॉन्चर से निशाना साधकर पोस्ट को तबाह कर दिया था।
जवान के इस अदम्य साहस के लिए उन्हें सेना के सर्वोच्च पदाधिकारी चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ (COAS) जनरल उपेन्द्र द्विवेदी द्वारा ‘कमेंडेशन कार्ड’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान सेना में किसी सैनिक को उसके असाधारण पराक्रम, बहादुरी और राष्ट्र सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।
अमित ठाकुर के साहस की कहानी जितनी प्रेरणादायक है, उतनी ही गौरवशाली उनका परिवार भी है। एक ही परिवार के तीन भाई भारतीय सेना में सेवाएं दे रहे हैं, जबकि उनकी बहन विजय लक्ष्मी पुलिस विभाग में तैनात हैं।
उनके चाचा श्याम सिंह चौहान भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यह परिवार सच्चे अर्थों में राष्ट्र सेवा को अपना धर्म मानता है।
अमित ठाकुर ने वर्ष 2012 में भारतीय सेना जॉइन की थी। तब से अब तक वह देश की सीमाओं की रक्षा में जुटे हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनकी वीरता ने पूरे क्षेत्र को गौरवान्वित कर दिया है।
उनके साहस की गूंज सिर्फ बाम्बल गांव तक सीमित नहीं रही, बल्कि पूरे शिलाई क्षेत्र और हिमाचल प्रदेश में गर्व की लहर दौड़ गई है।