शिमला – नितिश पठानियां
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) शिमला में अब मरीजों और उनके तीमारदारों की मदद के लिए एनएसएस और एनसीसी कैडेट्स “सारथी” की भूमिका निभाएंगे।
हिमाचल सरकार 5 अगस्त से “प्रोजेक्ट सारथी” की शुरुआत करने जा रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस योजना का विधिवत शुभारंभ करेंगे।
इस योजना के तहत सुबह 9:30 बजे से डेढ़ बजे तक कैडेट्स अस्पताल में रोगियों की सहायता करेंगे। वह ओपीडी, जांच केंद्र और अन्य विभागों तक मरीजों को ले जाने में मार्गदर्शन करेंगे, विशेषकर बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए यह सेवा विशेष लाभकारी होगी।
IGMC के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. राहुल राय ने बताया कि यह योजना पीजीआई चंडीगढ़ की तर्ज पर शुरू की जा रही है, जिससे अस्पताल में आने वाले लोगों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। इस योजना में शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग मिलकर काम कर रहे हैं।
पहले चरण में संजौली कॉलेज से 23 छात्र चुने गए हैं, जिनकी काउंसलिंग भी शुरू हो चुकी है। आगे चलकर अन्य कॉलेजों से भी NSS और NCC स्वयंसेवकों को शामिल किया जाएगा।
डॉ. राहुल राय के अनुसार, इस योजना से न केवल मरीजों को सहायता मिलेगी बल्कि छात्रों की संवाद क्षमताएं (कम्युनिकेशन स्किल्स) भी बेहतर होंगी। सेवा देने वाले छात्रों को प्रशस्ति पत्र भी दिए जाएंगे।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि IGMC में अगले वर्ष एक और सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी, जिससे मरीजों को और बेहतर सुविधा मिल सकेगी।