सोलन – रजनीश ठाकुर
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के क्षेत्रीय आयुक्त, प्रवर्तन अधिकारी और एक निजी सलाहकार को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। इन अधिकारियों ने शिकायतकर्ता से 10 लाख रुपए की रिश्वत (5 लाख रुपये नकद और 5 लाख रुपये के “सेल्फ चेक”) की मांग को स्वीकार किया था।
सीबीआई ने 24 नवंबर को यह मामला दर्ज किया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि ईपीएफओ के प्रवर्तन अधिकारी ने उसकी फर्म से संबंधित पीएफ मांग को अनुकूल रूप से निपटाने के लिए रिश्वत की मांग की थी। साथ ही यह धमकी दी गई थी कि अगर रिश्वत नहीं दी गई तो फर्म पर 45-50 लाख रुपए की भारी वसूली का दबाव डाला जाएगा।
सीबीआई ने एक सुनियोजित कार्रवाई में निजी सलाहकार को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोचा। इस कार्रवाई में प्रवर्तन अधिकारी और क्षेत्रीय आयुक्त की भूमिका भी सामने आई। जिसके बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों को शिमला की सीबीआई मामलों की विशेष अदालत में पेश किया गया है।
बता दें कि सीबीआई ने बद्दी शिमला और चंडीगढ़ में सात स्थानों पर छापेमारी की। इस दौरान चंडीगढ़ स्थित क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के परिसर से 23.5 लाख रुपए नकद और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
आरोपियों की पहचान ईपीएफओ कमीशनर रवि अनंत, इओ मदन भट्टी और संजय कुमार के रूप में हुई है। सीबीआई ने बद्दी शिमला एवं चंडीगढ़ में सात स्थानों पर आरोपियों के आवासीय एवं आधिकारिक परिसरों में छापेमारी की है। चंडीगढ़ में क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त के परिसर से 23.5 लाख रुपए की नकदी और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं। आरोपियों को अदालत में पेश करने पर अदालत ने 30 नवंबर तक पुलिस रिमांड पर भेजने के आदेश दिए हैं।
उधर, सीबीआई ने मामले को गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी जीरो टॉलरेंस नीति का हिस्सा है। मामले से जुड़े अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।