बढ़ते प्रतियोगिता के दौर में एक-दूसरे से आगे रहने के लिए कंपनियों को ऑटोमेशन का सहारा लेना पड़ता है। काम की स्पीड को बढ़ाने के लिए ऑटोमेशन की जरूरत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आजकल पूरी दुनिया में इकोनोमी के विभिन्न क्षेत्रों जैसे, इन्फ्रास्ट्रक्चर, ट्रांसपोर्ट, यूटिलिटी, डिफेंस, सर्विस सेक्टर में ऑटोमेशन का इस्तेमाल बढ़ रहा है। मौजूदा समय में ऑटोमेशन सेक्टर करियर और सैलरी के मामले में सबसे आगे हैं। युवा ऑटोमेशन फील्ड में कदम रखकर बेहतर करियर बना सकते हैं…
हिमखबर डेस्क
एक ऑटोमेशन इंजीनियर एक स्किल्ड प्रोफेशनल होता है, जो ऑटोमेटेड प्रक्रियाओं को बढ़ाने, सुव्यवस्थित करने और टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है। वह विभिन्न टेक्निक्स को डिवेलप करने, एक्जिक्यूट करने और मॉनिटरिंग करने के लिए जिम्मेदार हैं। ये इंजीनियर विभिन्न उद्योगों में कार्यरत हैं।
मैकेनिकल और कम्प्यूटर के क्षेत्र ऑटोमेशन में सबसे प्रचलित वेराइटीज हैं। ऑटोमेशन दशकों से मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री की आधारशिला रहा है, लेकिन यह बिजनस, मेडिकल सर्विस और फाइनांस इंडस्ट्री के लिए नया है। एक ऑटोमेशन इंजीनियर का लक्ष्य उत्पाद या सॉफ्टवेयर डिवेलप और बिजनेस या ग्राहक सेवा प्रोसेसेज में कमियों और समस्याओं को समाप्त करना है।
इसलिए चुनें ये राह
ऑटोमेशन इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करना भविष्य में आवश्यक साबित होगी, क्योंकि भारत और विदेशों में प्रमुख कॉरपोरेशंस, प्रोडक्शन में मानवीय गलतियां को कम करने की कोशिश कर रहे हैं। यूरोप में इंडस्ट्रियल रिवॉल्यूशन 4.0 के परिणामस्वरूप ऑटोमेशन प्रक्रिया के लिए ड्राइव में वृद्धि हुई है और इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि ऑटोमेशन इंजीनियर के लिए जॉब मार्केट का निर्माण हुआ है।
डिग्री पूरी करने के बाद आप उम्मीदवार के तौर पर मास्टर डिग्री हासिल कर सकते हैं, जिससे आपकी नौकरी की संभावनाओं में सुधार हो सकता है। चूंकि ऑटोमेशन प्रक्रिया अभी भी इसके सबसे शुरुआती चरण में है, यह भविष्य में उम्मीदवारों के लिए रिसर्च की एक बड़ी गुंजाइश छोड़ती है। सरकारी क्षेत्रों और निजी क्षेत्रों में मैकेनिकल इंजीनियरों की बढ़ती मांग ने नए ग्रेजुएट्स के लिए प्लेसमेंट की गुंजाइश बढ़ा दी है।
जरूरी स्किल्स
- ऑटोमेशन और रोबोटिक्स की समझ
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग की समझ
- प्रोग्रामिंग और कोडिंग एक्सपीरियंस
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
- क्लाउड और डेवॉप्स का ज्ञान
- एनालिटिकल और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स
- कम्युनिकेशन और लर्निंग स्किल्स
- कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में एक्सपीरियंस
योग्यता
- आवेदक के बारहवीं में अच्छे अंक होने अनिवार्य हैं।
- ऑटोमेशन के सेक्टर में करियर बनाने के लिए मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री होनी चाहिए। इसके बाद आप ऑटोमेशन से संबधित कोर्स कर सकते हैं।
- मास्टर्स डिग्री कोर्स के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कालेज से ऑटोमेशन इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
- मास्टर्स कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं। इसके बाद ही आप इन कोर्सेज के लिए एलिजिबल हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स के लिए जीआरई और जीमेट स्कोर की आवश्यकता होती है।
- साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ आईईएलटीएस या टीओईएलएल स्कोर की भी आवश्यकता होती है।
कोर्स
- Programmable Logic Controllers (PLC)
- Laboratory Information Management System (LIMS)
- Laboratory Instrument Systems (LIS)
- Clinical Trial Monitoring Systems
- PLC for Controlled Packaging Equipment
- Supervisory Control and Data Acquisition (SCADA)
- Distributed Control System (DCS)
- Chromatography Data System (CDS)
- Enterprise Resource Planning (ERP) Systems
- Manufacturing Execution System (MES)
- Batch Record System
- Building Management Systems (BMS)
- Spreadsheets
- Safety Instrumentation System
- Field Instrumentation
- Human Machine Interface (HMI)
- Industrial Networking
- Electrical motor drive (VFD/DC Drive/Soft Starter)
सैलरी पैकेज
ऑटोमेशन इंजीनियरिंग करने के बाद में आप शुरुआत से ही अच्छी सैलरी प्राप्त कर सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार इस ऑटोमेशन इंजीनियर की सालाना एवरेज सैलरी पैकेज 7 से 12 लाख रुपए तक होता है…
- जॉब प्रोफाइल एवरेज सैलरी पैकेज (रुपए में)
- ऑटोमेशन सिस्टम इंजीनियर 6 से 7 लाख
- ऑटोमेशन स्पेशलिस्ट 9 से 10 लाख
- ऑटोमेशन डिजाइन इंजीनियर 14 से 18 लाख
- सॉफ्टवेयर क्यूए ऑटोमेशन इंजीनियर 9 से 10 लाख
- सेलेनियम ऑटोमेशन इंजीनियर 7 से 8 लाख
- क्लाउड ऑटोमेशन इंजीनियर 9 से 12 लाख
- टेस्ट ऑटोमेशन इंजीनियर 9 से 10 लाख
- एंड टू एंड ऑटोमेशन इंजीनियर 6 से 7 लाख
सब्जेक्ट्स प्रोग्रामिंग, इंजीनियरिंग
सिस्टम्स, इंजीनियरिंग मैथमेटिक्स, इलेक्ट्रिकल नेटवक्र्स, सिस्टम्स मॉडलिंग एंड एनालिसिस, रोबोट ऑटोनोमी, कम्प्यूटर विजन, मेक्ट्रोनिक डिजाइन, डिसीजन मेकिंग इन रोबोट्स, इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस, डाटा साइंस, मशीन लर्निंग, मैनिपुलेशन एल्गोरिथम, मोबाइल रोबोटिक्स, बायोमाकेनिक्स, ह्यूमनॉइड्स, ह्यूमन रोबोट इंटरेक्शन, सेंसिंग