DAG की आवाज़ आखिर कौन है इसका जिम्मेवार, कोई विभाग या प्रशासन नहीं ले रहा सुध
रिवालसर – अजय सूर्या
हिन्दू, बौद्ध, सिक्ख तीन धर्मों के लोगों की आस्था का प्रतीक विश्व प्रसिद्ध रिवालसर झील अपना अस्तित्व दिन-प्रतिदिन खो रही है। यह त्रिवेणी धर्म स्थली संगम की झील जिसके दर्शन के लिए देश के कोने कोने से अपनी आस्था को लेकर लोग यहाँ आते हैं।
उस रिवालसर झील की दुर्दशा आज ऐसी है कि जिसकी सुध ना कोई विभाग ले रहा है ना प्रशासन और ना ही सरकार। यह दिन प्रतिदिन अपने अस्तित्व को खो रही है।
इस पवित्र रिवालसर झील का डेवलपमेंट एक्शन ग्रुप (DAG) संस्था के द्वारा आर टी आई के माध्यम से यह पता लगा है कि रिवालसर झील का मुख्य संरक्षक वन विभाग है। परंतु वह भी इस दशा को सुधारने में असमर्थ साबित हो रहा है।
डेवलपमेंट एक्शन ग्रुप के निदेशक ने बताया कि इस झील के सन्दर्भ में हमने बल्ह के स्थानीय विधायक इन्द्र सिंह गाँधी से बात की तो उन्होंने इस सन्दर्भ में आने बाली 6 सितम्बर को एक बिशेष मीटिंग रखी गई है।