ब्यूरो – रिपोर्ट
स्वतंत्रता दिवस के जश्न के एक दिन बाद ही जम्मू और कश्मीर में फिर टारगेट किलिंग का मामला सामने आया है। आतंकवादियों ने शोपियां में दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर गोलियां चला दीं, जिससे एक भाई की मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया है।
मृतक का नाम सुनील कुमार भट्ट है और घायल भाई का नाम पिंटू कुमार बताया जा रहा है। कश्मीर जोन पुलिस ने जानकारी दी कि आतंकवादियों ने शोपियां में चोटीपोरा स्थित सेब के बाग में फायरिंग की, जहां दोनों भाई काम कर रहे थे। घटना के बाद पुलिस और सुरक्षाबल भी अलर्ट मोड में आ गए हैं। कश्मीर में इस वर्ष मारे गए कश्मीरी पंडितों में सुनील दूसरा नाम है।
इससे पहले गत 12 मई को कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की बडग़ाम जिला में उनके सरकारी कार्यालय में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कश्मीरी पंडितों पर हमले के बाद विपक्ष भी केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में एलजी को नियुक्त किया और केंद्र शासित राज्य में सरकार असफल साबित हुई है।
धारा 370 यह कहकर हटाया गया कि कश्मीर में अमन हो जाएगा। कश्मीरी पंडितों को बसाया जाएगा। उन्हें यहां लाकर एकदम असुरक्षित छोड़ दिया गया है। कश्मीर पंडित कश्मीर छोडक़र जाना चाहते हैं।
उन्हें वहां बंद करके रखा जा रहा है, ताकि वहां से निकल न जाएं। भाजपा पर कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी है, जिसमें वह नाकाम साबित हुई है।
तिरंगा रैली में जाने से नाराज थे आतंकी संगठन
शोपियां में कश्मीरी पंडित की हत्या की जिम्मेदारी आतंकी संगठन केएफएफ (कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स) ने ली है। आतंकी संगठन का कहना है कि सुनील भट्ट तिरंगा रैली में गए थे, इसलिए उनकी हत्या की गई।