शिमला – जसपाल ठाकुर
राजधानी शिमला में मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने वाले निजी स्कूलों पर कार्रवाई की तैयारी है। शिक्षा विभाग ने शहर के स्कूलों से फीस का ब्योरा मांगा है। शिक्षा उपनिदेशक (उच्चतर) अशोक शर्मा ने इस संबंध में बुधवार को स्कूलों को पत्र जारी किया है।
स्कूलों से कक्षा वार वर्ष 2021 व 2022 की फीस का ब्योरा मांगा है। इसमें पूछा है कि फीस बढ़ाने से पहले क्या स्कूलों ने जनरल हाउस बुलाया था, क्या स्कूलों में पीटीए गठित की गई है। सभी स्कूलों को इसका पूरा रिकार्ड एक सप्ताह के भीतर शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय भेजने को कहा गया है। रिकार्ड में यदि अनियमितता पाई जाती है तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शिक्षा विभाग ने पिछले साल ही एक आदेश जारी किया था कि फीस बढ़ाने का निर्णय जनरल हाउस में चर्चा के बाद ही लिया जाए। बावजूद इसके शहर के स्कूलों ने अपने स्तर पर ही फीस बढ़ा दी है। सचिवालय में धूल फांक रहा फीस पर नियंत्रण का एक्ट
राज्य सरकार ने निजी स्कूलों पर शिकंजा कसने के लिए एक्ट तैयार किया था। इस एक्ट में स्कूल साल में कितनी फीस बढ़ा सकते हैं, फीस बढ़ाने के मानक क्या होंगे, इसके नियम तय किए थे। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर अंतिम मंजूरी के लिए कैबिनेट को भेजा था।
कैबिनेट ने इस में खामी बताते हुए विभाग को निर्देश दिए थे कि कानूनी राय लेकर इसे दोबारा कैबिनेट को भेजा जाए। यह एक्ट तब से लेकर सचिवालय में धूल फांक रहा है। न तो सरकार ने इसको दोबारा कैबिनेट को भेजा है और न ही सरकार ने इस पर विभाग से फीडबैक मांगा। छात्र-अभिभावक मंच का आरोप, नहीं बुलाया जनरल हाउस
स्कूलों की मनमानी को लेकर छात्र-अभिभावक मंच शिक्षा निदेशालय का घेराव करेगा। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा कि स्कूलों ने मनमर्जी से फीस को बढ़ा दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ज्यादातर स्कूलों ने पीटीए ही गठित नहीं की है। फीस बढ़ाने से पहले किसी भी स्कूल ने जनरल हाउस नहीं बुलाया।
उन्होंने कहा कि यदि विभाग स्कूलों पर कार्रवाई नहीं करता तो मंच अपने आंदोलन को तेज करेगा। इसको लेकर प्रदेशभर में प्रदर्शन होंगे। स्कूल सरेआम कर रहे नियमों का उल्लंघन : रमेश कुमार
अभिभावक संघ शिमला के कार्यकारी अध्यक्ष रमेश कुमार ठाकुर ने कहा कि सरकार का निजी स्कूलों पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल विभाग के ही आदेश को नहीं मान रहे हैं। मनमाने तरीके से स्कूलों की फीस बढ़ाई जा रही है।
अभिभावक फीस देने में असहज महसूस कर रहे हैं। संघ काफी समय से सरकार से निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए कानून बनाने की मांग कर रहा है। सरकार इस पर कोई निर्णय नहीं ले रही है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर जल्द आंदोलन किया जाएगा।