अब नहीं काटने पड़ेंगे पटवारी के ऑफिस के चक्कर , एक साथ होगी जमीन की रजिस्ट्री व इंतकाल

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शिमला- जसपाल ठाकुर
यदि सरकार की जुगत काम आई तो जमीन खरीदने वाले लोगों को बार बार पटवारी के कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अभी तक भूमि खरीद की रजिस्ट्री तो तहसील में दिए गए समय पर हो जाती है, लेकिन इंतकाल करवाने में काफी समय लग जाता है।
ऐसे में लोग राजस्व विभाग के अधिकारियों के पास चक्कर काटते रहते हैं। सरकार इस तरह की परेशानी को दूर करने के लिए नई व्यवस्था शुरू करने जा रही है। इसके तहत भूमि की खरीद-फरोख्त करने वाले दोनों पक्षों की मौजूदगी के दौरान रजिस्ट्री भी होगी और इंतकाल भी मौके पर होगा।
दोनों राजस्व कार्य तहसीलदार की देखरेख में होते हैं। इस समय रजिस्ट्री के साथ इंतकाल करवाने का प्रावधान नहीं है। प्रधान सचिव ओंकार शर्मा का कहना है कि राजस्व विभाग के पेचीदा ढर्रे को बदला जा रहा है, ताकि लोग लाभान्वित हो सकें।
कुछ समय बाद लोगों को राजस्व महकमे के किसी कार्यालय में जाने की जरूरत नहीं रहेगी, आनलाइन सब कुछ प्राप्त हो सकेगा। राजस्व क्षेत्र में नई व्यवस्था क्रियान्वित करने के लिए नवंबर के तीसरे सप्ताह के दौरान सचिवालय से सभी जिला उपायुक्तों के साथ ऑनलाइन बैठक आयोजित होगी।
बैठक में इस संबंध में दिशा निर्देश दिए जाएंगे, ताकि राजस्व कार्यप्रणाली में पारदर्शिता आए और हर कार्य की समय सीमा सुनिश्चित हो। इस समय जमा बंदियों को अपडेट करने की समय अवधि पांच वर्ष तक निर्धारित है। सरकार का विचार है कि इस समय अवधि को कम किया जाए।
राजस्व विभाग की ओर से राज्य के सभी राजस्व मौहाल से जमाबंदियों का डाटा अपडेट होता है। मौजूदा समय में ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था है। राज्य में इस समय 21249 राजस्व मौहाल हैं और हर गांव की एक जमाबंदी होती है। 
जमीन की नकल और जमाबंदी ऑनलाइन निकल जाती है। ऐसे में पटवारियों से काम का बोझ कुछ कम हुआ है। हालांकि ततीमा पटवारी ही काटते हैं। इसके लिए लोगों को पटवारी के पास जाना पड़ेगा।
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