ज्वालामुखी, शीतल शर्मा

ज्वालामुखी मंडल भाजपा जो लगभग अाठ माह तक भंग रहा है और हमेशा प्रदेश की राजनीति में सुर्खियों में रहा है। यहां पर पिछले कुछ समय से भाजपा में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को नजरअंदाज कर एक व्यक्ति अनेक पद की रीत चल रही है। जिससे पार्टी के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता सरकार व संगठन में स्थान पाने से महरूम हो गए हैं।

भाजपा के कई वरिष्ठ कार्यकर्ता सरकार बनने के बाद मन मसोसकर रह गए हैं। क्योंकि उनकी पार्टी में कोई पूछ नहीं रह गई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि चंद चाटुकार और स्वार्थी लोगों ने ही सरकार व संगठन में अपना प्रभाव बनाया हुआ है। जिस वजह से पार्टी के कई निष्ठावान कार्यकर्ता धीरे-धीरे गुमनामी के अंधेरे में होते चले जा रहे हैं।

 

यही वजह है कि ज्वालामुखी में ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू हो रही है जिन लोगों को मान सम्मान नही मिला है और संगठन में सरकार में स्थान नहीं मिल रहा है बे अलग होकर अपना अलग से अलख जगाने की ओर बढ़ रहे हैं जो पार्टी के नियमों के खिलाफ है और पार्टी संगठन की मजबूती के रास्ते में भी सबसे बड़ी बाधा बनकर आ रही है।